नदिया, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मां उमा के आगमन के साथ ही नदिया जिला उत्सव के रंगों में रंग गया है। हर मोहल्ले में पंडालों की रोशनी, नए कपड़े, प्रतिमा दर्शन और सड़क या रेस्टोरेंट में पेटपूजा मिलकर दुर्गापूजा की खुशियों को और खास बना रहे हैं। चॉप, कटलेट, चाउमिन, मुगलई, फुचका, कबाब मानो त्योहार का हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन इन खुशियों के बीच मिलावटी और असुरक्षित भोजन का खतरा भी रहता है।
विशेषज्ञों के अनुसार पूजा के दिनों में खाने-पीने की मांग कई गुना बढ़ जाती है। इसी का फायदा उठाकर कई होटल और अस्थायी दुकानें बार-बार एक ही तेल का इस्तेमाल कर तला-भुना परोसते हैं। सड़क किनारे खुले में चाउमिन, रोल और मुगलई बनते हैं, जिनमें धूल-मिट्टी मिल जाती है। स्वाद और खुशबू बढ़ाने के लिए कई बार अवैध केमिकल भी मिलाए जाते हैं। भीड़ और उत्साह में लोग बिना सोचे-समझे वही खाना खरीद लेते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा बढ़ जाता है।
इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस बार नदिया जिला प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग सक्रिय हो गया है। तय किया गया है कि पूजा के दौरान सामान्य समय से अधिक छापेमारी होगी। होटल और रेस्टोरेंट में खाने की गुणवत्ता जांची जाएगी और जरूरत पड़ने पर सैंपल इकट्ठा कर लैब में भेजे जाएंगे। सिर्फ बड़े होटल ही नहीं, बल्कि पंडालों के सामने ठेला या स्टॉल लगाने वालों को भी नियंत्रण में लाया जाएगा। इन्हें कुछ अनिवार्य निर्देश दिए जाएंगे, जिनका पालन किए बिना उन्हें खाना बेचने की अनुमति नहीं होगी।
खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी सचिन सुरवाडे ने कहा, “हमारा मकसद है कि त्योहार के समय लोग सुरक्षित भोजन कर सकें। हमारी निगरानी इस बात पर रहेगी कि भीड़ और चहल-पहल के बीच कोई घटिया या मिलावटी भोजन न बेच सके।”
स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के बीच इस संबंध में बैठक भी हो चुकी है। हाल ही में जिले के कुछ होटल और दुकानों से मिलावटी खाद्य पदार्थ पकड़े जाने के बाद सतर्कता और बढ़ा दी गई है। इसी वजह से इस बार अभियान और कड़ा होगा। साथ ही, जिन व्यापारियों के पास फूड लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन नहीं होगा, उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
