
नई दिल्ली, 10 सितंबर (Udaipur Kiran News) । संस्कृति मंत्रालय 11 से 13 सितम्बर तक विज्ञान भवन में पहला ‘ज्ञान भारतम् अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन’ आयोजित करने जा रहा है। सम्मेलन में दूसरे दिन यानी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। 13 सितम्बर को समापन सत्र की अध्यक्षता गृहमंत्री अमित शाह करेंगे।
इस तीन दिवसीय सम्मेलन का विषय ‘भारत की ज्ञान परंपरा का पुनःअधिग्रहण: पांडुलिपि धरोहर के माध्यम से’है जिसमें देश-विदेश से आए 1,100 से अधिक विद्वान, विशेषज्ञ, संस्थान और सांस्कृतिक कार्यकर्ता भाग लेंगे।
बुधवार को संस्कृति मंत्रालय के सचिव विवेक अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित यह पहल भारत की पांडुलिपि धरोहर के संरक्षण की एक बड़ी योजना है। मिशन के तहत देशव्यापी सर्वेक्षण और सूचीकरण, डिजिटल रिपॉज़िटरी का निर्माण तथा विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य, धर्म और अध्यात्म जैसे विविध विषयों पर निहित विशाल ज्ञान का संकलन और प्रसार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ‘ज्ञान भारतम्’ एक दूरदर्शी राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य भारत की विशाल पांडुलिपि संपदा का संरक्षण और प्रसार करना है। यह प्रधानमंत्री के विज़न विकसित भार की ओर एक अग्रगामी कदम होगा, जहाँ भारत अपने अतीत के ज्ञान और भविष्य के नवाचार को जोड़ते हुए विश्वगुरु के रूप में उभरेगा।
उन्होंने बताया कि यह मिशन पुस्तकालयों, धार्मिक संस्थाओं और निजी संरक्षकों समेत अनेक साझेदारों के सहयोग से लागू होगा, जिससे पांडुलिपियां आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और सुलभ बन सकें।
उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय इस आयोजन में 1,100 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे और आठ कार्य समूहों में लिपि-पठन, दस्तावेज़ीकरण, डिजिटलीकरण, संरक्षण और कानूनी ढांचे जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
तकनीक की भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि ज्ञान-सेतु एआई इनोवेशन चैलेंज को अब तक 40 से अधिक प्रविष्टियां मिल चुकी हैं और शॉर्टलिस्ट किए गए नवाचार सम्मेलन में प्रस्तुत किए जाएंगे।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
