West Bengal

मामला ‘सेटल’ करने का दबाव, कसबा कांड में पीड़िता को किया गया था फोन, जांच में जुटी पुलिस

अभिषेक बनर्जी के साथ मनोजित मिश्र

कोलकाता, 3 जुलाई (Udaipur Kiran) ।

दक्षिण कोलकाता के एक कॉलेज में छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ है कि घटना के बाद मुख्य आरोपित मनोजीत मिश्रा ने मामले को ‘सेटल’ करने की कोशिश की थी। इसके लिए उसने अपनी गैंग की एक महिला सदस्य को पीड़िता को फोन करने का निर्देश दिया था, ताकि वह पुलिस में शिकायत न करे।

हालांकि, पीड़िता ने वह फोन कॉल रिसीव नहीं किया और अंततः 26 जून को कसबा थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई। इस पूरे मामले की जांच अब लालबाजार के डिटेक्टिव विभाग को सौंप दी गई है। इससे पहले तक यह मामला विशेष जांच दल (एसआईटी) देख रहा था।

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‘गैंग ऑफ एट’ में शामिल महिला से हो चुकी है पूछताछ

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपित मनोजीत ने अपनी गैंग ‘गैंग ऑफ एट’ की एक महिला सदस्य को कहा था कि वह पीड़िता से संपर्क करे और मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करे। उस महिला ने फोन किया भी, लेकिन पीड़िता ने कॉल उठाया नहीं। जांचकर्ताओं ने उस महिला से पूछताछ भी की है।

बुधवार को गैंग के दो और सदस्यों ‘जीपी’ और ‘आरएन’ से भी लंबी पूछताछ हुई। इससे पहले यह भी सामने आया था कि घटना के बाद मनोजीत ने अपने दो साथियों जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय को कसबा थाने के बाहर निगरानी रखने के लिए कहा था, ताकि वह यह जान सके कि पीड़िता थाने में शिकायत कर रही है या नहीं।

जांच में यह बात सामने आई है कि 26 जून को शाम 6:25 बजे मनोजीत और जैब की मोबाइल टावर लोकेशन बालीगंज के फर्न रोड पर मिली थी। यहां तृणमूल कांग्रेस के एक प्रभावशाली विधायक का आवास है। संदेह है कि वे किसी ‘सहायता’ के लिए वहां पहुंचा था। इसके कुछ देर बाद, शाम 7:20 बजे, दोनों को कसबा के बोसपुकुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गिरफ्तार होने से ठीक पहले वे किससे मिला था और वहां से कसबा कैसे पहुंचा।

पुलिस ने मनोजीत, जैब और प्रमित के खिलाफ पहले तीन धाराओं में मामला दर्ज किया था, लेकिन अब छह और धाराएं जोड़ दी गई हैं। इनमें अपहरण, गंभीर चोट पहुंचाना, जानबूझकर खतरनाक हमला, डराना-धमकाना और महिला के निजी पलों का वीडियो बनाना शामिल है। इनमें से तीन धाराएं गैर-जमानती हैं।

साइबर क्राइम से जुड़े पहलुओं को देखते हुए अब इस मामले में विशेष सरकारी वकील के तौर पर साइबर कानून विशेषज्ञ विभास चट्टोपाध्याय को जोड़ा गया है। पुलिस ने अभी तक कुल 16 लोगों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं।

जांच टीम ने कॉलेज परिसर से एक चादर बरामद की है, जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पीड़िता ने बयान में बताया था कि घटना के बाद आरोपी उसे कॉलेज के गार्ड रूम में छोड़कर चले गए थे। इसके बाद वह किसी तरह मोबाइल लेकर बाहर निकली। सीसीटीवी फुटेज से यह भी पता चला है कि घटना के बाद रात 10:50 बजे के बाद से आरोपी और पीड़िता अलग-अलग समय पर कॉलेज से निकले थे।

पुलिस का कहना है कि मनोजीत लगातार जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसके मोबाइल की कॉल डिटेल, लोकेशन और अन्य आरोपितों के बयानों के आधार पर सच सामने लाने की कोशिश जारी है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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