
भोपाल, 18 जून (Udaipur Kiran) । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दो दिवसीय दौरान निरस्त हो गया है। कारण स्पष्ट नहीं है, संभवत: मानसूनी गतिविधियों के मद्देनजर दौरा रद्द किया गया है। दरअसल, राष्ट्रपति बुधवार शाम इंदौर आने वाली थीं और गुरुवार को बड़वानी जिले के ग्राम तलेन में सिकल सेल दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रस्तावित था। अब बड़वानी के कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल होंगे।
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने मंगलवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट में जानकारी दी कि महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का 18 एवं 19 जून काे इंदौर और बड़वानी का प्रवास निरस्त हो गया है। प्रशासन पिछले एक सप्ताह से इसकी तैयारियां कर रहा था। इसके लिए सुरक्षा, आवास, ट्रांसपोर्ट, बिजली, सफाई, फायर ब्रिगेड और मेडिकल सुविधाओं को लेकर विशेष कसावट की गई थी। बड़वानी जिले के ग्राम तलेन में होने वाले कार्यक्रम स्थल पर भी सभी जरूरी इंतजाम किए गए थे।
इधर, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि विश्व सिकल सेल दिवस पर 19 जून को बड़वानी में राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन होगा। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल होंगे। इस अवसर पर प्रदेश के प्रभावित 33 जिलों में परामर्श, स्क्रीनिंग, रोग प्रबंधन और निःशुल्क उपचार के लिये विशेष शिविर लगाये जाएंगे। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया है कि सब मिलकर यह संकल्प लें कि वर्ष 2047 तक मध्य प्रदेश को सिकल सेल मुक्त बनाएंगे। हर नागरिक की स्क्रीनिंग कराएं, विवाह पूर्व सिकल सेल कार्ड को अनिवार्य रूप से अपनाएं और समाज में संकोच नहीं, समाधान का संदेश फैलाएं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सिकल सेल उन्मूलन को स्वास्थ्य न्याय का विषय मानते हुए इसे मिशन मोड में अपनाया है। यह गर्व का विषय है कि मध्य प्रदेश आज सिकल सेल स्क्रीनिंग में देश में प्रथम स्थान पर है। अब तक एक करोड़ 6 लाख से अधिक नागरिकों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। 2 लाख से अधिक सिकल सेल वाहक एवं 29,277 रोगी चिन्हित हुए हैं। 80.9 लाख से अधिक सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। 26,115 मरीजों को हाइड्रॉक्सी यूरिया दवा से उपचार उपलब्ध कराया गया है।
कहा कि सभी चिन्हित रोगियों को निःशुल्क दवा, टीकाकरण, रक्ताधान और जेनेटिक परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है। एम्स भोपाल में नवजातों की 72 घंटे में जांच हेतु विशेष प्रयोगशाला कार्यरत है। इंदौर मेडिकल कॉलेज में 100 से अधिक बोनमेरो ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किए गए हैं। रीवा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर प्रीनेटल डायग्नोसिस ऑफ हीमोग्लोबिनोपैथीज प्रभावी रूप से कार्यशील है। जनजातीय स्कूलों, छात्रावासों और महाविद्यालयों में नियमित रूप से स्क्रीनिंग शिविरों का आयोजन किया जा रहा है ताकि रोग की पहचान प्रारंभिक स्तर पर हो सके और प्रभावी उपचार सुनिश्चित किया जा सके। ——————————-
(Udaipur Kiran) तोमर
