
नई दिल्ली, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार काे देश के 20 प्रतिष्ठित भूवैज्ञानिकों को वर्ष 2024 का राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार (एनजीए) प्रदान करेंगी।
राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में पूर्वाह्न 11 बजे आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी और कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे भी उपस्थित रहेंगे।
खान मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार, 26 सितंबर को सुबह 11 बजे राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक समारोह में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार (एनजीए) 2024 प्रदान करेंगी। खान मंत्रालय तीन श्रेणियों में प्रति वर्ष इस राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार को प्रदान करता है, जो इस प्रकार है। इसमें पहला-आजीवन उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार, जबकि दूसरा-राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार और तीसरा-राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार है।
खान मंत्रालय तीन श्रेणियों में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्रदान करता है। मंत्रालय को वर्ष 2024 के लिए इन तीनों पुरस्कार श्रेणियों में कुल 208 नामांकन प्राप्त हुए है। तीन चरणों की कठोर जांच प्रक्रिया के बाद इन तीन पुरस्कार श्रेणियों के तहत 12 पुरस्कारों को अंतिम रूप दिया गया है, जिनमें 9 व्यक्तिगत और 3 टीम पुरस्कार शामिल हैं। ये 12 राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा 20 भूवैज्ञानिकों को प्रदान किए जाएंगे।
भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए) के वरिष्ठ वैज्ञानिक और आईआईएसईआर, पुणे के विजिटिंग प्रोफेसर, प्रो. श्याम सुंदर राय को भूविज्ञान में उनके अनुकरणीय करियर और योगदान के सम्मान में आजीवन उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसके अलवा भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के वरिष्ठ भूविज्ञानी सुशोभन नियोगी को भूविज्ञान के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस पुरस्कार समारोह में देशभर के प्रख्यात भूवैज्ञानिक, विद्वान, नीति निर्माता और अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। एनजीए 2024 के लिए पुरस्कार विजेताओं की पूरी सूची संलग्न है।
केन्द्र सरकार के खान मंत्रालय द्वारा 1966 में स्थापित, राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार (जिन्हें 2009 तक राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार के रूप में जाना जाता था) भूविज्ञान के क्षेत्र में देश के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक हैं। इन पुरस्कारों का उद्देश्य भूविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे खनिज खोज एवं अन्वेषण, खनन प्रौद्योगिकी एवं खनिज संवर्धन, मौलिक/अनुप्रयुक्त भूविज्ञान, में असाधारण उपलब्धियों और उत्कृष्ट योगदान के लिए व्यक्तियों और टीमों को सम्मानित करना है।
—————
(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
