Madhya Pradesh

सदानीरा समागम: भारत भवन के अंतरंग सभागार में हुई नर्मदा-जीवन प्रवाह की प्रस्तुति

सदानीरा समागम: भारत भवन के अंतरंग सभागार में हुई नर्मदा-जीवन प्रवाह की प्रस्तुति

भोपाल, 23 जून (Udaipur Kiran) । जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत सदानीरा समागम के चौथे दिन सोमवार को भोपाल के भारत भवन के अंतरंग सभागार में नर्मदा-जीवन प्रवाह की प्रस्तुति हुई। इस प्रस्तुति में भरतनाट्यम की शास्त्रीय गरिमा को समकालीन नृत्य की संवेदनशील व्याख्या के साथ संयोजित किया गया। यह केवल एक मंचीय अभिनय नहीं, बल्कि एक नारी के देवी स्वरूप पर एक ध्यान, एक समर्पण का आध्यात्मिक अर्पण था।

नर्मदा नदी को भारतीय संस्कृति में देवी, माँ और पुत्री के रूप में पूजा गया है। इस प्रस्तुति में नर्मदा के प्रवाह को एक कन्या के अस्तित्व का प्रतीक माना गया है, वह जो जीवनदायिनी है, पालनहार है, फिर भी समाज में उपेक्षा की शिकार है। पौराणिक आख्यानों, भक्तिपूर्ण कविता और गहन नृत्य शिल्प के माध्यम से यह नृत्य-नाट्य प्रस्तुति समाज के सम्मुख एक मौलिक प्रश्न रखती है जब हम देवी की पूजा करते हैं, तब क्या हम उसकी जीवित उपस्थिति की रक्षा भी करते हैं?

भरतनाट्यम की सौंदर्यात्मक अभिव्यक्ति और समकालीन नृत्य की व्याख्यात्मक शैली के संगम से यह प्रस्तुति एक आत्मान्वेषी यात्रा बन जाती है—नदी और नारी दोनों के यथार्थ पर। नर्मदा के प्रवाह को पर्यावरणीय विनाश और कन्या के सामाजिक दमन के रूप में प्रस्तुत करते हुए यह नृत्य केवल आलोचना नहीं करता, अपितु आत्ममंथन और शुद्धिकरण का अवसर प्रदान करता है। नर्मदा की हर बूँद में स्त्रीत्व, चेतना और चेतावनी का संगम है। उसे भूल जाना चाहे वह प्रकृति में हो या गर्भ में जीवन की धारा से कट जाना है। यह प्रस्तुति नारी और नदी, दोनों के अस्तित्व की पुनःस्वीकृति का आह्वान है।

इस प्रस्तुति की परिकल्पना एवं परिधान-मंच सामग्री स्वागतिका स्वाई द्वारा किया गया है। जबकि निर्देशन संगीता शर्मा, सहायक निर्देशन सुभाशिष डे तथा प्रकाश व्यवस्था अतुल मिश्रा द्वारा की गयी। इस प्रस्तुति में संगीत संयोजन उमेश तरकशवार ने किया। कलाकारों का स्वागत वीर भारत न्यास के न्यासी सचिव श्रीराम तिवारी एवं राजाभोज शोध प्रभाग के निदेशक संजय यादव ने किया।

(Udaipur Kiran) तोमर

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