Madhya Pradesh

सदानीरा समागम: भारत भवन के अंतरंग सभागार में हुई जलम् अमृत की प्रस्तुति

सदानीरा समागम

भोपाल, 24 जून (Udaipur Kiran) । जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत सदानीरा समागम के पाँचवें दिन मंगलवार की शाम भारत भवन के अंतरंग सभागार में निशा त्रिवेदी द्वारा निर्देशित नृत्‍य नाट्य जलम् अमृत की प्रस्तुति हुई। इस नृत्‍य नाट्य में यह दिखाया गया कि जल केवल एक तत्‍व नहीं, जीवन का मूलभूत आधार है। जल में औषधि है, ऊर्जा है और ब्रह्म की छाया है। सृष्टि के प्रारंभ में, जब भाषा नहीं थी, तब भी हमारे ऋषियों ने इस सत्य को अनुभूति के स्तर पर पहचान लिया। ऋग्वेद का प्रथम मंत्र “अग्निमीळे पुरोहितं” सृजन के प्रथम स्वर को अग्नि की चेतना के रूप में प्रतिष्ठित करता है।

पंचतत्व पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश ही जीवन के आधार हैं। हमारे प्राचीन वैज्ञानिक ऋषियों ने इनसे योग, खगोल, चिकित्सा, गणित और दर्शन का समन्वय किया। परंतु आधुनिकता की दौड़ ने हमें इन तत्‍वों से केवल उपयोग की दृष्टि से जोड़ दिया है। जल अब अमृत नहीं, उपभोग्य वस्तु बन चुका है। इस भौतिकता ने हमें प्रदूषण, जल संकट, जलवायु परिवर्तन और अंततः संवेदनहीनता की ओर धकेल दिया है।

जलम् अमृत केवल एक मंचीय प्रस्तुति नहीं यह एक भाव-जागरण है। एक आह्वान है कि हम फिर से जल को अमृत मानें। प्रकृति को माता के रूप में पुनः प्रतिष्ठित करें। और मानव स्वयं को कर्तव्यबद्ध, भावनाशील और उत्तरदायी बनाए। आज शासन और नीति प्रयासरत हैं, पर वास्तविक परिवर्तन तब होगा जब समाज अपनी भूमिका को पुनः पहचानेगा। जलम् अमृत इसी आत्मबोध और सांस्कृतिक पुनर्स्थापन की संवेदनशील यात्रा है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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