
कोलकाता, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । ठीक दो साल पहले जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रावास में रैगिंग के कारण प्रथम वर्ष के एक छात्र की मौत हो गई थी। उस घटना के दो साल बाद जादवपुर विश्वविद्यालय में सुरक्षा और कड़ी होने जा रही है! अधिकारी दोनों परिसरों और छात्रावास में 70 निगरानी कैमरे लगाने पर विचार कर रहे हैं। साथ ही वे परिसर में और अधिक सुरक्षा गार्ड तैनात करने पर भी विचार कर रहे हैं।
न्यायालय के आदेश पर सोमवार को जादवपुर विश्वविद्यालय की सर्वोच्च नीति-निर्धारक समिति (एग्जीक्यूटिव कमिटी या ईसी) की बैठक हुई। सोमवार को हुई ईसी की इस बैठक में परिसर में पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे लगाने और परिसर की समग्र सुरक्षा बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। इस मुद्दे की विस्तार से जांच के लिए एक समिति का गठन भी किया गया था। उस समिति ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। बैठक में रिपोर्ट को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। अगले चरण के रूप में, सीसीटीवी लगाने और सुरक्षा बढ़ाने के मुद्दे को निविदाएं आमंत्रित करके सुलझाया जाएगा।
ईसी की बैठक में इस पूरी प्रक्रिया के लिए बजट भी तय किया गया। चर्चा के बाद, यह निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय के साल्टलेक और जादवपुर परिसरों और छात्रावासों में कुल 70 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रारंभिक बजट 69 लाख निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त, जादवपुर में 130 स्थायी सुरक्षा गार्ड के पद हैं। लेकिन 78 सुरक्षा गार्ड हैं। शेष 52 पद वर्तमान में रिक्त हैं। इनमें दो पर्यवेक्षक के पद हैं। कर्मचारियों की तत्काल भर्ती के आदेश दिए गए हैं। स्थायी सुरक्षा गार्डों के अलावा, परिसर में निजी संगठनों द्वारा अस्थायी रूप से नियोजित सुरक्षा गार्ड भी हैं। वर्तमान में, कुल 11 अस्थायी सुरक्षा गार्ड तीन शिफ्टों में 8 घंटे काम कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के अधिकारी इस संख्या को प्रति शिफ्ट 10 बढ़ाने पर भी विचार कर रहे हैं। जादवपुर के दोनों परिसरों में यह संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके लिए सालाना बड़ी राशि की आवश्यकता होती है। इसके लिए, कार्यकारी समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि जल्द ही सरकार को एक पत्र भेजा जाएगा।
इस संबंध में, जेयूटीए के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा कि पहले निर्णय लेने के बाद भी प्रशासनिक जटिलताओं के कारण विश्वविद्यालय आगे नहीं बढ़ पा रहा था। आज अदालत के आदेश पर निर्णय पर मुहर लग गई। मुझे उम्मीद है कि इस बार ऐसी समस्याओं का शीघ्र समाधान होगा।
एक अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि हमने अदालत के आदेशानुसार सभी नियमों के अनुसार कार्यकारी समिति की बैठक की। बैठक में सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय को हम सरकार को भेजेंगे। अदालत को भी इसकी जानकारी दी जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
