West Bengal

कोलकाता एयरपोर्ट पर एनएसजी का हाईजैक रोधी मॉक ड्रिल, आतंकवाद से निपटने की तैयारी परखी गई

कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा

कोलकाता, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने हाईजैक और आतंकवादी हमले की आशंका से निपटने के लिए एक पूर्ण अभ्यास किया। यह मॉक ड्रिल 18 और 19 जुलाई देर रात को की गई, जिसमें विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और हवाई अड्डा प्रबंधन ने भाग लिया।

सूत्रों के अनुसार, यह अभ्यास हवाई सुरक्षा से जुड़े जटिल खतरों से निपटने की तैयारियों को परखने और एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया था। रात 9:34 बजे एक आपात कॉल एयर ट्रैफिक कंट्रोल को मिली, जिसमें बताया गया कि एक ए 320 विमान को हाईजैक कर लिया गया है, जिसमें चालक दल के साथ 75 डमी यात्री सवार थे।

जैसे ही यह सूचना मिली, एरोड्रोम समिति को तत्काल सक्रिय किया गया और विमान को अलग-थलग क्षेत्र में ले जाकर घेराबंदी कर दी गई। शुरुआती प्रतिक्रिया में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की त्वरित प्रतिक्रिया टीम ने विमान को चारों ओर से घेर लिया, वहीं खुफिया ब्यूरो (आईबी) और गृह मंत्रालय के अधिकारी कथित अपहर्ताओं से वार्ता में जुटे।

वार्ता विफल होने के बाद एनएसजी की काउंटर हाईजैक टास्क फोर्स ने अभियान शुरू किया। यह ऑपरेशन सफल रहा और सभी डमी यात्रियों और चालक दल को सुरक्षित ‘रिहा’ कर लिया गया, साथ ही ‘हाईजैकर्स’ को ‘निष्क्रिय’ कर दिया गया। यह चरण रात 2:15 बजे समाप्त हुआ।

इसी के साथ रात नौ बजे एक अन्य मॉक ड्रिल शुरू हुई, जिसमें एएआई के संचालन कार्यालय पर कथित आतंकवादी हमले की स्थिति बनाई गई। इसमें 12 कर्मचारियों को ‘बंधक’ बनाया गया और इमारत की बिजली आपूर्ति को ‘बाधित’ कर दिया गया। पश्चिम बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इलाके को घेरा और आतंकियों से मुठभेड़ की, जिसमें ‘प्रतिकूल परिस्थितियों’ का सामना करना पड़ा।

इसके बाद एनएसजी को इस संकट से निपटने के लिए बुलाया गया। एसटीएफ से पूरी जानकारी लेने के बाद एनएसजी की टीम ने सुनियोजित तरीके से अभियान चलाया, छह डमी आतंकवादियों को ‘मार गिराया’ और सभी ‘बंधकों’ को सुरक्षित बचा लिया। यह अभियान सुबह 4:25 बजे संपन्न हुआ।

एनएसजी सूत्रों के अनुसार, इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिक उड्डयन सुरक्षा से जुड़े संकटों में प्रतिक्रिया तंत्र, एजेंसियों के बीच तालमेल और संकट प्रबंधन की दक्षता का मूल्यांकन करना था। इस अभ्यास में एएआई, सीआईएसएफ, एटीसी, एयरलाइंस, राज्य पुलिस, आईबी, गृह मंत्रालय और एनएसजी के बीच बेहतरीन समन्वय देखने को मिला, जिसने पूरे अभ्यास को सफल बनाया।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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