
धार, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । इस साल बसंत पंचमी का पर्व 23 जनवरी 2026 को मनाया जाएगा। इस दौरान मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित ऐतिहासिक भोजशाला में मनाए जाने वाले बसंत उत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस दौरान भोजशाला में हनुमान चालीसा पाठ एवं पूजन का आयोजन होगा। इसमें बड़ी संख्या में हिंदू समाज के लोग एकत्रित होने का अनुमान है। इसी कड़ी में भोजशाला मुक्ति आंदोलन से जुड़ी भोज उत्सव समिति की ओर से मंगलवार को सत्याग्रह का आयोजन किया गया।
भोजशाला में सरस्वती मंदिर और यहां वाग्देवी की मूर्ति की पुनर्स्थापना के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रही भोज उत्सव समिति द्वारा गत दिनों सरस्वती शिशु मंदिर में एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें आगामी 23 जनवरी 2026 को बसंत पंचमी पर सरस्वती जन्मोत्सव भव्य रूप से मनाने का निर्णय लिया गया। बैठक में भोज उत्सव समिति के अध्यक्ष सुरेश जलोदिया, महामंत्री सुमित चौधरी, वरिष्ठ मार्गदर्शक अशोक जैन, कार्यसमिति सदस्य राजेश शुक्ला सहित नगर के प्रमुख व्यापारी, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, धार्मिक, राजनीतिक व्यक्तित्व, युवा और मातृशक्ति बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। बैठक में समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि इस बार बसंत पंचमी शुक्रवार होने के बावजूद भोजशाला में सिर्फ पूजन करने वालों को ही प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए, अन्य को नहीं।
समिति के अध्यक्ष सुरेश जलोदिया ने बताया कि भोजशाला मुक्ति आंदोलन केवल समिति का नहीं, बल्कि मां वाग्देवी के भक्तों और सकल हिंदू समाज की आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण हिंदू समाज की सामूहिक आस्था ही भोजशाला की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करेगी। वहीं, समिति के वरिष्ठ संरक्षक अशोक जैन ने बताया कि इस बार बसंत पंचमी शुक्रवार को पड़ने से उत्सव विशेष होगा। उन्होंने कहा केंद्रीय पुरातत्व विभाग के 07 अप्रैल 2003 के आदेश के अनुसार पूरे दिन अखंड पूजा करने का मानस बनाया गया है। किसी भी स्थिति में मां सरस्वती की पूजा को खंडित नहीं होने दिया जाएगा। यह हिंदू समाज की आस्था और सम्मान का विषय है। इस बार भी पूजा निर्बाध रूप से होगी।
समिति ने समाज से हर मंगलवार होने वाले नियमित सत्याग्रह में शामिल होने का आव्हान किया। साथ ही यह भी कहा कि विधायक, सांसद और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देकर आगाह किया जाएगा कि धार के हिंदू समाज की भावनाओं को किसी भी प्रकार आहत न होने दिया जाए।
गौरतलब है कि भोजशाला में प्रत्येक मंगलवार को हिंदू समाज को पूजा की अनुमति प्राप्त है। इसके लिए प्रत्येक सप्ताह बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। समिति ने हिंदू समाजजन से प्रत्येक मंगलवार को नियमित सत्याग्रह में आने का आह्वान भी किया है। वहीं, प्रत्येक शुक्रवार को भोजशाला में मुस्लिम पक्ष के लोग नमाज पढ़ते हैं। ऐसे में, इस बार शुक्रवार को बसंत पंचमी का आयोजन प्रशासन के लिए चुनौती है।
(Udaipur Kiran) तोमर