प्रयागराज, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट में सपा विधायक विजमा यादव ने पति जवाहर यादव व तीन अन्य की हत्या केस में उम्रकैद की सजा भुगत रहे पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की दया याचिका पर राज्यपाल द्वारा समय पूर्व रिहाई के आदेश की वैधता को चुनौती दी है।
कोर्ट ने उदयभान करवरिया को नोटिस जारी करते हुए राज्य सरकार व उनसे से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता तथा न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने विजमा यादव की याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि उसके पति की प्रयागराज सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में 13 अगस्त 1996 को गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी। जिसकी एफ आई आर भाई सुलाकी लाल ने दर्ज कराई। घटना में चार की मौत हुई और कुछ लोग घायल हुए। मामले की विवेचना सीबीसीआईडी को सौंपी गई। जिसने उदयभान करवरिया सहित उनके भाई कपिल मुनि करवरिया, सूरजभान करवरिया व रामचंद्र त्रिपाठी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। ट्रायल कोर्ट प्रयागराज ने हत्या का दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई। जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील लंबित है।
याची का कहना है कि इस दौरान विपक्षी करवरिया को 20 बार शार्ट टर्म जमानत दी गई। हाईकोर्ट ने 9 मई 23 को जमानत अर्जी खारिज कर दी। सरकार ने केस वापस लेने की भी अर्जी दी थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। संविधान के अनुच्छेद 161के तहत करवरिया ने राज्यपाल को दया याचिका दी। जिस पर राज्यपाल ने 19 जुलाई 24 को समय पूर्व रिहाई का आदेश दिया। इस आदेश के वैधता व संवैधानिकता को चुनौती दी गई है।
उदयभान करवरिया ने नैनी जेल में कुल 8 साल 9 माह 11 दिन की सजा काटी है। सरकारी आदेशानुसार 14 साल की सजा काटने के बाद समय पूर्व रिहाई की जा सकती है। याचिका में समय पूर्व रिहाई आदेश को रद्द किए जाने की मांग की गई है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे