
हकृवि के सभी घरों में औषधीय पौधे लगाने के लिए वानिकी विभाग द्वारा कार्यक्रम
आयोजित
हिसार, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सभी घरों में औषधीय
पौधों को बढ़ावा देने के लिए सहजन (मोरिंगा) एवं कढ़ी पत्ता के पौधे वितरित किए गए।
वानिकी विभाग द्वारा आयोजित किए गए इस समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर
कम्बोज मुख्य अतिथि थे। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में रहने वाले नागरिकों से उपरोक्त
किस्मों के पौधों को अपने घरों में लगाने का आह्वान किया।
कुलपति प्रो. कम्बोज ने शनिवार काे अपने संबोधन में कहा कि सहजन और कढ़ी पत्ता स्वास्थ्य
के लिए अनमोल उपहार हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी व पर्यावरण प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य
पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है जिसके कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो रही हैं। स्वास्थ्य
को बेहतर रखने के लिए औषधियों के प्रति परंपरागत ज्ञान को दोबारा अपनाना जरूरी हो गया
है। उन्होंने बताया कि सहजन का हर हिस्सा महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का खजाना होता है।
इसकी पत्तियां खनिजों जैसे कैल्शियम, पोटेशियम, जिंक, मैग्नीशियम, आयरन और तांबा से
भरपूर होती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। सहजन में विटामिन ए के रूप में बीटा-कारोटीन,
विटामिन बी जैसे फॉलिक एसिड, पायरिडोक्सिन और निकोटिनिक एसिड, विटामिन सी, डी और ई
भी पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गुणकारी हैं। सहजन की फली फाइबर युक्त होती हैं
और पाचन समस्याओं के इलाज में सहायक होती हैं।
अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि कढ़ी पत्ता एक महत्वपूर्ण सुगंधित
एवं बहुउपयोगी पौधा है, जिसका उपयोग विशेष रूप से भारतीय व्यंजनों में स्वाद और सुगंध
बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन ए, बी, सी, कैल्शियम और आयरन जैसे
पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। पारंपरिक चिकित्सा में इसका उपयोग मधुमेह,
पाचन विकार, कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण और संक्रमणों के उपचार में किया जाता है।
वानिकी विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप आर्य ने कार्यक्रम में सभी का स्वागत करते हुए
बताया कि मोरिंगा और कढ़ी पत्ता के पौधे औषधीय गुणों से भरपूर हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार
सहजन में संतरे से अधिक विटामिन सी, गाजर से अधिक विटामिन ए, दूध से अधिक कैल्शियम,
दही से अधिक प्रोटीन, केले से अधिक पोटेशियम और पालक से अधिक आयरन पाया जाता है। कार्यक्रम
में ओल्ड कैंपस के लोगों ने भी बढ़ चढक़र भाग लिया। इस अवसर पर सभी महाविद्यालयों के
अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, वैज्ञानिक, गैर शिक्षक कर्मचारी, वानिकी विभाग के कर्मचारी
एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
