
हरिद्वार, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । बर्ड फ्लू का साइड इफेक्ट अब इंसानों के साथ-साथ जानवरों पर भी देखने को मिल रहा है। हरिद्वार एनिमल रेस्क्यू सेंटर में कोरोना काल जैसी सख्ती बरती जा रही है।
बर्ड फ्लू फैलने की आशंका के मद्देनजर हरिद्वार स्थित वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू सेंटर में रहने वाले गुलदारों को खाने के लिए अब चिकन नहीं दिया जा रहा है। उन्हें अब वैकल्पिक मांस दिया जा रहा है। साथ ही रेस्क्यू सेंटर में आने वाले विजिटर और वहां कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी पूरी तरह से बर्ड फ्लू गाइड लाइन का पालन करते हुए पीपीई किट पहनाकर बाड़े आदि में प्रवेश दिया जा रहा है। यह व्यवस्था आगे भी करीब एक माह तक जारी रहने की संभावना है। हालांकि हरिद्वार जनपद में बर्ड फ्लू का कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है। मगर एहतियातन जिला प्रशासन ने पड़ोसी राज्यों और जनपदों से चिकन और अंडों के परिवहन पर भी रोक लगाई है।
वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डॉ अमित ध्यानी का कहना है कि पिछले हफ्ते पशुपालन विभाग की ओर से जो एडवाइजरी जारी की गई थी, उसमें हमारे पास रिपोर्ट आई थी कि काशीपुर के एक क्षेत्र में बर्ड फ्लू हुआ है। हमारे संस्थान के अंदर कई गुलदार हैं। काफी जंगली जानवर रहते हैं, सबसे पहले हमने अपने सेंटर को क्वारंटाइन किया। उसके बाद किसी भी तरह के विजिटर का आना रोका गया। जो हमारा स्टाफ यहां पर आता है, वह प्रॉपर तरीके से हाईजीनिक होकर की अंदर जा रहा है। गुलदारों की डाइट में हम चिकन ही यूज करते रहे हैं। हमने डेढ़ हफ्ते से उनकी डाइट में चिकन बंद किया हुआ है ताकि किसी भी तरह का कोई इन्फेक्टेड चिकन उनको न दिया जा सके।
डॉ.अमित ध्यानी ने बताया कि बर्ड फ्लू बेसिकली चिकन से ही फैलता है। चिकन बंद करने के साथ इम्यूनिटी बढ़ाने वाली दवाइयां भी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि हरिद्वार जनपद में बर्ड फ्लू फैलने की कोई सूचना नहीं है। यहां प्रीवेंटिव मेजर लिए जा रहे हैं। जो पोल्ट्री फार्म हैं, उनमें स्कैनिंग की जा रही है। अगर किसी चिकन की डेथ होती है, तो उसके सैंपल को भोपाल भेजा जाता है।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
