
अनूपपुर, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के समाज कार्य विभाग ने शुक्रवार को आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के सहयोग से प्री-दिवाली ‘जगमग’ कार्यक्रम का आयोजन किया, सहायक प्राध्यापक डॉ. कृष्णामणि भागवती के मार्गदर्शन में किया एम.एस.डब्ल्यू. के छात्रों ने मिट्टी के दीये को रंग-बिरंगे रंगों से सजाए और उन्हें नाममात्र मूल्य पर बेचा। आयोजक तृतीय सेमेस्टर की छात्रा एडना,अजना और दया रहीं। ‘वोकल फॉर लोकल’ और आत्मनिर्भर भारत के विचार को प्रोत्साहित करना और ‘करके सीखना’ के सिद्धांत पर आधारित है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के समाज कार्य विभाग ने आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के सहयोग से प्री-दिवाली ‘जगमग’ कार्यक्रम के आयोजन में छात्राओं ने मिट्टी के दीये को रंग-बिरंगे रंगों से सजाए और उन्हें कम मूल्य पर बेचा। सामाजिक विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता प्रो. निति जैन ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की शानदार पहल से छात्र आत्म निर्भर बन सकते है। उन्होंने इसी तरह के मॉडल पर एक स्वयं सहायता समूह बनाए जाने की संभावना को भी साझा किया। विभागाध्यक्ष डॉ. दिग्विजय फुकन ने कार्यक्रम के दौरान छात्रों को प्रेरित किया। विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. रमेश बी. एवं डॉ. धर्मेन्द्र कुमार झारिया ने कार्यक्रम की सफलता में अहम भूमिका निभाई।
विभाग के सभी शोधार्थियों तथा एम.एस.डब्ल्यू. के सभी छात्रों ने दीया सजाने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी की। यह निधि-संग्रह पहल ‘विकास संचार’ नामक पाठ्यपत्र का एक हिस्सा है, जिसके अंतर्गत छात्र ‘वोकल फॉर लोकल’ और आत्मनिर्भर भारत के विचार को प्रोत्साहित कर रहे हैं। यह पाठ्यक्रम ‘करके सीखना’ के सिद्धांत पर आधारित है। निधि-संग्रह के पीछे का विचार सभी को अत्यंत पसंद आया और एम.एस.डब्ल्यू. के छात्रों की रचनात्मकता तथा प्रयासों की सराहना की गई। कार्यक्रम से प्राप्त राजस्व का उपयोग विश्वविद्यालय के आसपास के गाँवों में सिकल सेल एनीमिया के प्रति जन-जागरूकता फैलाने में किया जाएगा। साथ ही छात्रों ने प्लास्टिक के उपयोग से बचने और संसाधनों के पुनः उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कागज़ के थैले भी तैयार किए।
—————
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला
