
नई दिल्ली, 09 जुलाई (Udaipur Kiran) । वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की हालिया रिपोर्ट में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और पेमेंट ऐप्स के जरिए आतंकी फंडिंग के खुलासे पर चांदनी चौक से भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बुधवार को बेहद चिंताजनक विषय बताया है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की भूमिका की जांच के साथ-साथ कड़े नियमों और त्वरित कार्रवाई करने की जरूरत है।
कन्फेडरेशन ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री खंडेलवाल ने कहा कि जो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स सुविधा और नवाचार के लिए बनाए गए थे, आज उन्हें देशविरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। एफएटीएफ के इस खुलासे के बाद ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म्स की जवाबदेही अवश्य तय होनी चाहिए। खंडेलवाल ने चिंता जताते हुए कहा कि हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने अमेज़न के गोदामों पर छापेमारी की, जिसमें भारी मात्रा में नकली और घटिया सामान बरामद हुआ। इससे प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों की नियामक अनुपालन और उपभोक्ता संरक्षण में लापरवाही उजागर होती है। यह घटनाएं अलग-थलग नहीं हैं, बल्कि व्यापार और उपभोक्ताओं की सुरक्षा पर मंडरा रहे एक संगठित खतरे का संकेत हैं।
खंडेलवाल ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों की बेलगाम और अनैतिक गतिविधियां स्थानीय छोटे व्यापारियों की रोजी-रोटी छीन रही हैं, देश की आर्थिक व कानूनी व्यवस्था को कमजोर कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि सरकार इस पर सख्त और त्वरित कदम उठाए। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उल्लंघनकर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई हो, एक व्यापक ई-कॉमर्स नीति तुरंत लागू की जाए, जो पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करे।
उन्होंने कहा कि डिजिटल पेमेंट गेटवे की सख्ती से निगरानी हो, ताकि उनका दुरुपयोग रोका जा सके। खंडेलवाल ने कहा कि एक स्वतंत्र नियामक प्राधिकरण की स्थापना हो जो भारत में ई-कॉमर्स को नियंत्रित और मॉनिटर करे। देश की अर्थव्यवस्था, व्यापारी और उपभोक्ता कुछ गैरजवाबदेह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की मनमानी के कारण बंधक नहीं बन सकते। इसलिए यह जरूरी है कि सरकार तत्काल हस्तक्षेप करके यह सुनिश्चित करे कि भारत में डिजिटल व्यापार सुरक्षित, पारदर्शी और नैतिक दायरे में रहे।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
