Uttar Pradesh

मुर्गियां सुस्त और कम सक्रिय दिखे तो पोल्ट्री फार्मर सतर्क हो जाए:डॉ आर.एस. राजपूत

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-बर्ड फ्लू की आशंका पर प्रशासन मुस्तैद, कंट्रोल रूम सक्रिय,फार्मर को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं

वाराणसी, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) की आशंका के मद्देनज़र पशुपालन विभाग और जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। हालांकि फिलहाल जिले में किसी पोल्ट्री फार्म पर बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन एहतियात के तौर पर कंट्रोल रूम की स्थापना कर दी गई है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आर.एस. राजपूत ने फार्म संचालकों से अपील की है कि वे भयभीत न हों, लेकिन सतर्कता जरूर बरतें। डॉ. राजपूत ने बताया कि हाल ही में रामपुर जिले के एक पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी, जहां सभी संक्रमित पक्षियों को नियमानुसार नष्ट कर दिया गया है। इसके बाद अन्य किसी फार्म से इस बीमारी की सूचना नहीं मिली है। बावजूद इसके, जिले में सतर्कता बरती जा रही है। पशुपालन विभाग की टीमें पोल्ट्री फार्म्स का निरीक्षण कर रही हैं और स्वैब व सीरम के नमूने एकत्र कर परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं।

—कंट्रोल रूम से करें संपर्क

यदि किसी पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत कंट्रोल रूम से संपर्क करें। इसके लिए निम्न मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं: 9305133706, 6387589262, 9936848068।

—बर्ड फ्लू के संभावित लक्षण

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के अनुसार, पोल्ट्री फार्म संचालकों को इन लक्षणों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इनमें मुर्गियों की अचानक और बड़ी संख्या में मृत्यु,मुर्गियों का सुस्त और निष्क्रिय हो जाना,चोंच और पैरों का नीला पड़ना,मुगियों को सांस लेने में कठिनाई, खांसी, छींक आना,अंडा उत्पादन में अचानक गिरावट,आंखों और नाक से तरल पदार्थ का रिसाव,शरीर पर सूजन या घाव। यदि फार्म में इन लक्षणों में से कोई भी दिखे, तो यह बर्ड फ्लू का संकेत हो सकता है और तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता होती है।

—क्या करें

कीटाणु नाशक दवाओं का छिड़काव करें, फार्म पर बाहरी लोगों का प्रवेश कम करें, फार्म के प्रवेश द्वार पर चूना रखवा दें, जिससे प्रवेश करने वाले व्यक्ति के जूते चप्पल आदि में चूना अच्छी तरह लग जाए, फार्म पर लाए गए गए चीजों को अन्य पोल्ट्री पक्षियों से कम से कम दो सप्ताह तक अलग रखें, वन्य पक्षियों को फार्म पर न आने दें, पक्षियों के पीने और खाने के बर्तनों को स्वच्छ रखें और पीने का पानी अलग रखें, स्वयं के लिए मास्क, दस्ताने आदि का प्रयोग करें, हैंड सैनिटाइजर, आदि का निरंतर प्रयोग करते रहें। इसके अलावा पोल्ट्री और उनके संबंधित किसी भी सामान को छूने के बाद अपने नाव, मुंह, कान आदि को साबुन से अच्छी तरह धोएं। पक्षियों में असामान्य मृत्यु एवं असामान्य लक्षणों को देखते ही पशुपालन विभाग के कंट्रोल रूम या किसी पशुपालन विभाग के कर्मी को तुरंत सूचना दे। किसी भी पक्षी की असामान्य मृत्यु की स्थिति में पक्षी को न छूएं।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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