Madhya Pradesh

सिवनी: हवाला कांड पर राजनीति गरमाई, नेता प्रतिपक्ष सिंगार ने उठाए पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल

Seoni: Politics heats up over the Seoni hawala scandal – Leader of the Opposition Umang Singar questions police performance

सिवनी, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में सामने आए हवाला कांड ने पूरे पुलिस विभाग और प्रशासनिक तंत्र को हिला कर रख दिया है। कटनी के एक व्यापारी के कर्मचारियों से जांच के नाम पर 1 करोड़ 45 लाख रुपये लूटे जाने की घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सिवनी में पुलिस पर हवाला के करोड़ों रुपये लूटने के गंभीर आरोपों के बाद प्रदेश की सियासत गर्मा गई है। इस चौंकाने वाली घटना को लेकर अब कांग्रेस ने प्रदेश सरकार और पुलिस तंत्र पर सीधा हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने शुक्रवार को कहा कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं, तो प्रदेश की जनता अपनी सुरक्षा पर कैसे भरोसा करे। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा हवाला की रकम लूटने जैसी घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती हैं, बल्कि यह पूरे पुलिस तंत्र की साख को भी गहरा आघात पहुंचाती हैं।

सिंगार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी स्वयं प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं और पूरा पुलिस तंत्र उनके अधीन कार्य करता है। ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी बड़ी घटना आखिर कैसे हो गई । उन्होंने भाजपा सरकार से यह भी पूछा कि पुलिस तंत्र में ऐसी गिरावट क्यों आई है और क्यों लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि केवल निलंबन जैसी औपचारिक कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। दोषी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी और उदाहरणात्मक कार्रवाई की जाए, ताकि पुलिस की विश्वसनीयता बहाल हो सके और जनता का भरोसा दोबारा कायम हो। इस मामले ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर से गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। विपक्ष ने संकेत दिए हैं कि यदि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह मुद्दा विधानसभा और सड़क दोनों जगह जोर-शोर से उठाया जाएगा।

मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी की ओर से मांग की है कि:इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी (CBI या ED) से कराई जाए। दोषियों की पहचान कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। भविष्य में ऐसे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सख्त नीतिगत कदम उठाए जाएं।उन्होंने कहा कि जब तक जांच स्वतंत्र एजेंसी को नहीं सौंपी जाती, तब तक सच्चाई पूरी तरह सामने नहीं आ पाएगी।

पृष्ठभूमि: यह मामला तब उजागर हुआ जब कटनी के एक व्यापारी के कर्मचारियों से कथित तौर पर जांच के नाम पर 1.45 करोड़ रुपये की बड़ी राशि पुलिस ने वसूली। प्रारंभिक जांच में कई अधिकारियों का आचरण संदिग्ध पाया गया, जिसके बाद 9 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और एसडीओपी पूजा पांडेय को भी पद से हटा दिया गया। कांग्रेस का कहना है कि अगर सरकार वास्तव में पारदर्शिता और ईमानदारी चाहती है, तो उसे इस प्रकरण में ऊपर तक बैठे जिम्मेदार लोगों पर भी कार्रवाई करनी होगी।

(Udaipur Kiran) / रवि सनोदिया

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