
बाड़मेर, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राजस्थान की राजनीति में इन दिनों बाड़मेर ‘पोस्टर कांड’ को लेकर जबरदस्त हलचल मची हुई है। पूर्व विधायक मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी के बाद लगे आपत्तिजनक पोस्टरों ने पूरे जिले में सियासी तापमान बढ़ा दिया है। अब इस बहुचर्चित प्रकरण में पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए सात आरोपिताें को नामजद किया है, जिनमें एक जिला पार्षद, एक पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और पचपदरा रिफाइनरी का ठेकेदार शामिल है।
पुलिस जांच में बालोतरा की ‘न्यू मारवाड़ प्रिंटिंग प्रेस’ का नाम भी सामने आया है, जहां से ये विवादित पोस्टर छापे गए थे।
पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि मामले की गहनता से जांच चल रही है और आरोपिताें की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें गठित कर तेज छापेमारी की जा रही है। पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस से निष्कासित किए गए पूर्व विधायक मेवाराम जैन की पार्टी में वापसी हुई।
जैन 2008 से 2023 तक लगातार तीन बार बाड़मेर से विधायक रहे, लेकिन 2023 में एक कथित अश्लील सीडी और दुष्कर्म के आरोपों में फंसने के बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
बाद में राजस्थान हाईकोर्ट ने सभी आरोपों को झूठा करार देते हुए उन्हें क्लीन चिट दे दी। इसके बाद 22 सितंबर 2025 को दिल्ली में उनकी औपचारिक वापसी कांग्रेस में हुई, जिसकी खबर 25 सितंबर को सार्वजनिक हुई।
लेकिन, जैन के बाड़मेर लौटने से पहले ही बाड़मेर और बालोतरा में कई स्थानों पर आपत्तिजनक पोस्टर दिखाई दिए। हालांकि, तीनों जिलों की कांग्रेस इकाइयों ने तत्काल बयान जारी कर इन पोस्टरों से पल्ला झाड़ लिया और इसे “साजिश” बताते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मामले में सात आरोपिताें को नामजद किया है। इनमें
खेराजराम हुड्डा, अशोक कुमार, नारायण, जसराज, गिरधारीलाल, श्रवण कुमार (परेऊ) और अशोक लुणवा शामिल है।
इनमें से एक जिला पार्षद, एक पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और एक रिफाइनरी ठेकेदार है।
पोस्टर लगाने में इस्तेमाल वाहनों की ट्रैकिंग के आधार पर पुलिस ने इनकी पहचान की।
जांच में यह भी सामने आया कि बालोतरा स्थित न्यू मारवाड़ प्रिंटिंग प्रेस से ही ये पोस्टर छापे गए थे।
एसपी मीणा ने बताया कि तीन टीमें लगातार जांच कर रही हैं, जल्द ही आरोपिताें को गिरफ्तार कर साजिश के मास्टरमाइंड का खुलासा किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
