कोलकाता, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) । काेलकाता के संतोष मित्रा स्क्वायर दुर्गा पूजा पंडाल, जिसका उद्घाटन शुक्रवार काे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था, में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के निलंबित दो युवा नेताओं की अचानक मौजूदगी ने बंगाल की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब पिछले सप्ताह पूजा समिति के मुख्य आयोजक और कोलकाता नगर निगम के भाजपा पार्षद सजल घोष तथा कोलकाता पुलिस के बीच खींचतान देखने को मिली थी। घोष ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि वह पंडाल में आने वाले दर्शकों की संख्या रोकने की कोशिश कर रही है।
पंडाल में मौजूद टीएमसी के निलंबित दोनों युवा नेता राजन्या हल्दर और प्रांतिक चक्रवर्ती को लेकर अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह केवल व्यक्तिगत संबंधों की वजह से था या फिर इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक हलचल छिपी है।
गौरतलब है कि, सितंबर 2024 में इन दोनों नेताओं को पार्टी ने निलंबित कर दिया था। दरअसल, इन्होंने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना की पृष्ठभूमि पर सोशल मीडिया में एक लघु फिल्म जारी की थी, जिससे पार्टी नेतृत्व को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा था। इसके बाद प्रांतिक चक्रवर्ती को तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के राज्य उपाध्यक्ष पद और राजन्या हल्दर को जादवपुर-डायमंड हार्बर जिला समिति के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।
यही नहीं, इस वर्ष दक्षिण कोलकाता के कस्बा इलाके में कानून की छात्रा से दुष्कर्म की घटना के बाद राजन्या हल्दर ने भी पार्टी की छात्र इकाई के कुछ नेताओं पर महिला कार्यकर्ताओं का यौन शोषण करने की प्रवृत्ति को लेकर सार्वजनिक तौर पर सवाल उठाए थे।
इस बीच भाजपा पार्षद सजल घोष ने सफाई दी कि राजन्या हल्दर उनकी छोटी बहन जैसी हैं और वह केवल व्यक्तिगत रिश्ते के नाते वहां आई थीं।————————–
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
