
वाराणसी, 28 नवंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश में चल रहे एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) अभियान की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग को लेकर शुक्रवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के एक संयुक्त प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी के प्रतिनिधि एडीएम (आपूर्ति) को ज्ञापन सौंपा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त को संबोधित इस ज्ञापन में एसआईआर की अंतिम तिथि कम से कम छह माह के लिए बढ़ाने की मांग की गई है।
ज्ञापन सौंपने के बाद कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे ने आरोप लगाया कि एसआईआर के नाम पर व्यापक स्तर पर अनियमितताएं हो रही हैं। आम लोगों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार की तर्ज पर विरोधी दलों के नेताओं और समर्थक मतदाताओं—विशेषकर मराठी समाज, ओबीसी और दलित समाज के लोगों के नाम जानबूझकर मतदाता सूची से काटे जा रहे हैं। चौबे ने आरोप लगाया कि भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपने बाहरी समर्थकों के नाम सूची में जोड़वाने और विरोधी मतदाताओं के नाम हटवाने की रणनीति पर काम कर रही है।
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर गुरुवार को भी एक बैठक हुई थी। चौबे का कहना है कि एसआईआर प्रक्रिया जल्दबाजी और अधूरी तैयारियों के साथ कराई जा रही है, जिससे बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम सूची से छूटने की आशंका है। ग्रामीण इलाकों में धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के व्यस्त मौसम के चलते भी लोगों के लिए समय पर दस्तावेज प्रस्तुत करना कठिन हो रहा है। प्रतिनिधि मंडल का कहना है कि यदि 4 दिसंबर की अंतिम तिथि नहीं बढ़ाई गई तो बहुत सारे पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हट सकते हैं। ऐसे में तिथि को कम से कम छह माह आगे बढ़ाना आवश्यक है।
प्रतिनिधि मंडल में सपा के जिलाध्यक्ष डॉ. हीरालाल यादव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, सपा नेता सुरेंद्र यादव, अजय मुखर्जी, फसाहत हुसैन, डॉ. राजेश गुप्ता, सतनाम सिंह सहित अन्य नेता शामिल थे।
—————
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी