
पटाखा फोड़ने के स्थान पर आसपास दिखे बच्चे
हरदा, 3 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक दशहरा पर्व पर प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त नहीं दिखी। पटाखे फोड़ने के दौरान परिसर में बच्चे दिखे। परिसर में बिना अनुमति के बच्चे कैसे पहुंचे यह जांच का विषय बन गया है। रावण के सामने और पटाखे फोड़ने के आसपास बच्चों का मौजूद रहना जोखिम पूर्ण था। बावजूद इसके बच्चों को वहां से दूर भेजने की किसी ने कोई कोशिश नहीं की।
विसर्जन स्थल पर कोई व्यवस्था नहीं –
देवी प्रतिमा के विसर्जन के लिए नदी के पेड़ी घाट पर कुण्ड बनाये गये थे किंतु वहां पर कोई बोर्ड नहीं लगाया था। गड्ढे की चौड़ाई गहराई के साथ-साथ कोई संकेत, सुझाव और सावधानी बरतने के कोई दिशा निर्देश अंकित नहीं थे। सुरक्षा और व्यवस्था संभाल रहे पुलिस कर्मियों के लिए टेंट तो लगाया था, किंतु उनके वहां बैठने को, भोजन, पानी आदि की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।
लिहाजा पुलिसकर्मी नाव पर सोते हुए नजर आये। नदी के बीच में नाव पर सोना जोखिम पूर्ण है। यह महज इत्तेफाक था कि कोई घटना नहीं हुई। किंतु नाव पर सोना जोखिम पूर्ण है। नाव के पलटने और डूबने से कोई बड़ी घटना हो सकती थी। टेंट में यदि व्यवस्था होती तो पुलिसकर्मी नाव पर क्यों आराम करते । इससे जाहिर हो रहा है कि पूर्व तैयारी के तहत व्यवस्थाएं नहीं की गई थी।
नदी के आसपास शराब की बोतले आई नजर-
देवी विसर्जन स्थल पर दारू की बोतलें और सिगरेट पीने के अवशेष थे। व्यवस्था चाक चौबंद होती तो संभवत: ऐसी स्थिति नहीं बनती। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ति की गई थी। देवी विसर्जन के दौरान भी शराब की बिक्री जारी रही जबकि गांधी जयंती के मौके पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। इसके बाद भी शराब, बिड़ी, सिगरेट, गांजा पीते लोग नजर आये जिससे प्रशासन की सक्रियता, सजगता, सतर्कता की पोल खुल गई।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की खुली पोल –
दशहरा पर्व के दौरान पुलिस द्वारा पुख्ता इंतजाम का दावा किया जा रहा था इस दावे की पोल उस समय खुल गई जब पटाका फोड़ने के स्थान के आसपास भी बच्चे दिखे। दोनों स्थान पर बच्चों को प्रवेश नहीं देना चाहिए। फिर भी बच्चों की मौजूदगी ने प्रशासन की चुस्त व्यवस्था का एहसास करा दिया। पटाका फोडते वक्त कोई घटना हो जाती तो बच्चे चपेट में आ जाते महज इत्तफाक से ऐसी कोई घटना नहीं हुई, फिर भी सुरक्षा के लिहाज से ऐसा नहीं होना चाहिए। ऐसा कैसे हुआ इसके लिए कौन जिम्मेदार है और उन पर क्या कार्यवाही की जायेगी, ऐसे तमाम सवाल अब उठ रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रमोद सोमानी
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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा
