
कानपुर, 18 जून (Udaipur Kiran) । पुलिस आयुक्त आखिल कुमार ने अपराध पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एक नयी तकनीकी पहल की शुरुआत की है। जिलाबदर और हिस्ट्रीशीटर अपराधियों पर तकनीक का सहारा लेकर ऑपरेशन दिव्य दृष्टि के जरिये पुलिस सीधे गूगल जीपीएस नेविगेशन सिस्टम के माध्यम से नजर रखेगी। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर उन्हें वीडियो कालिंग के जरिये वैरिफाई भी किया जाएगा। इस आधुनिक प्रणाली से पुलिस को उनके घर जाकर निगरानी करने या बार-बार उन्हें ढूंढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी।
इस पहल का उद्देश्य उन पुराने अपराधियों को परेशान न करना है। जो अब अपराध की दुनिया को अलविदा कहकर ईमानदारी से सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इसके विपरीत सक्रिय अपराधियों पर सतत निगरानी बनाए रखना भी है। फिलहाल इस सिस्टम को इच्छुक अपराधियों पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा रहा है।
पुलिस की पारम्परिक व्यवस्था में हिस्ट्रीशीटरों के घर जाकर तलाशी ली जाती है लेकिन अब यह काम मोबाइल के जरिए वीडियो कॉलिंग और लोकेशन ट्रैकिंग से सम्भव होगा। इस प्रणाली के जरिए जैसे ही कोई जिलाबदर या पैरोल पर छूटा बदमाश शहर में प्रवेश करेगा। वैसे ही पुलिस को उसकी लोकेशन की सूचना स्वतः मिल जाएगी।
फिलहाल इस प्रणाली में कुछ खामियाँ देखी जा रही हैं जैसे – मोबाइल की बैटरी खत्म हो जाना, डेटा की उपलब्धता ना होना आदि। साथ ही यह भी विचार किया जा रहा है कि इस प्रकार की डिवाइसें कहां से और कैसे खरीदी जाएंगी?
पुलिस आयुक्त का कहना है कि सभी व्यवस्थाओं के पूरी तरह ठीक हो जाने के बाद ही इसे पूरी तरह लागू किया जाएगा। इससे न सिर्फ निगरानी व्यवस्था आधुनिक बनेगी, बल्कि पुलिस बल का समय और संसाधन भी बचेंगे।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
