Madhya Pradesh

मंदसौर में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर एफआईआर के विरोध में प्रदर्शन, पुलिस ने चलाया वाटर कैनन

मंदसौर में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर एफआईआर के विरोध में प्रदर्शन
मंदसौर में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर एफआईआर के विरोध में प्रदर्शन

राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह ने कहा- एफआईआर से नाम हटाओ, वरना आंदोलन जारी रहेगा

भोपाल/मंदसौर, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । मंदसौर जिले के भावगढ़ क्षेत्र में दर्ज एक एफआईआर के विरोध में करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर शनिवार को अपने हजारों समर्थकों के साथ एसपी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे। पुलिस द्वारा दर्ज मामले को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने जोरदार नारेबाज़ी की और अनशन पर बैठ गए। स्थिति को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। एसपी अभिषेक आनंद स्वयं कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। पुलिस ने स्पष्ट किया कि कोर्ट के आदेश पर गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है, जिसे लागू करना उनकी कानूनी जिम्मेदारी है।

दरअसल, मंदसौर में करणी सेना परिवार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर पर एक गंभीर मामला दर्ज हुआ है। आरोप है कि उनके साथियों ने शराब ठेके पर पहुंचकर ठेका कर्मचारियों से 1 लाख रुपए महीना देने की फिरौती मांगी। मना करने पर मारपीट की गई और जातिसूचक गालियां दी गईं। मामला एससी-एसटी एक्ट, फिरौती और मारपीट की धाराओं में दर्ज हुआ है। यह घटना 26 जून को भावगढ़ थाना क्षेत्र के बेहपुर गांव की है। उसी दिन एफआईआर भी दर्ज हुई थी। मारपीट का वीडियो भी सामने आया। इसके बाद मंदसौर कोर्ट ने जीवन सिंह की गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

वहीं, एफआईआर के विरोध में शनिवार को जीवन सिंह शेरपुर अपने हजारों समर्थकों के साथ एसपी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और करणी सेना के कार्यकर्ताओं की पुलिस से धक्का-मुक्की शुरू हो गई। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। वहीं, जीवन सिंह ने चेतावनी दी कि जब तक एफआईआर से उनका नाम नहीं हटाया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

जीवन सिंह शेरपुर का कहना है कि जब तक उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द नहीं की जाती और इस मामले में शामिल पुलिसकर्मियों को निलंबित नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हमें जानबूझकर झूठे केस में फंसाया जा रहा है। पुलिस ऐसे मुकदमे तैयार कर रही है जिनका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं। जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, मैं उन्हें जानता ज़रूर हूँ, लेकिन उन घटनाओं से मेरा कोई संबंध नहीं है। प्रशासन हमें अपराधी साबित करने की कोशिश कर रहा है।

पीड़ित कर्मचारी ऋतिक ने बताया कि 26 जून को वह अपने कुछ साथियों के साथ ऑफिस में मौजूद था, तभी पुष्पेंद्र सिंह, इंद्रपाल सिंह और नागेंद्र सिंह वहां पहुंचे। उन्होंने कथित रूप से हर महीने 1 लाख रुपये की रंगदारी मांगी और कहा कि इतना दोगे तभी ठेका चलने देंगे। जब इस मांग को मानने से इनकार किया गया, तो आरोपिताें ने मारपीट शुरू कर दी। ऋतिक के अनुसार, मारपीट के दौरान उन्होंने धमकी दी कि वे जीवन सिंह शेरपुर के आदमी हैं। इस हमले में कर्मचारी पुष्कर गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। साथ ही, पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि हमले के दौरान जातिसूचक गालियों का भी इस्तेमाल किया गया।

इस मामले में एसपी अभिषेक आनंद ने जानकारी दी कि पुलिस ने 7 आरोपिताें के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन आरोपिताें में जीवन सिंह शेरपुर, पुष्पेंद्र सिंह, इंद्रपाल सिंह, नागेंद्र सिंह, कुलदीप सिंह, सचिन और देवी सिंह शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, जीवन सिंह शेरपुर के खिलाफ मंदसौर, रतलाम और नीमच ज़िलों में पहले से 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं। मंदसौर कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया है। एसपी आनंद ने कहा कि किसी भी स्थिति में जीवन सिंह शेरपुर की गिरफ्तारी की जाएगी।

(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत

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