
कोलकाता, 26 जून (Udaipur Kiran) । आसनसोल के एक पांच सितारा होटल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के ठहरने के कुछ ही दिन बाद प्रशासन की ओर से की गई छापेमारी ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में नया तूफ़ान खड़ा कर दिया है। जिस होटल में यह कार्रवाई की गई, उसी में हाल ही में शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी कार्यक्रम के दौरान विश्राम किया था। अब बीजेपी इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है, जबकि तृणमूल कांग्रेस इस मुद्दे को तवज्जो देने को तैयार नहीं है।
प्रशासनिक छापेमारी गुरुवार को हुई, जिसमें आसनसोल जिला प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम ने होटल की सभी कागज़ी कार्रवाई, बार, अग्नि सुरक्षा उपकरणों और अन्य सेवाओं की गहन जांच की। हालांकि प्रशासन की ओर से इस कार्रवाई को ‘रूटीन चेकअप’ बताया गया, लेकिन सवाल यह उठने लगे हैं कि आसनसोल के कई होटलों को छोड़कर इस खास होटल को ही क्यों चुना गया?
बीजेपी नेताओं का दावा है कि बीते शुक्रवार को शुभेंदु अधिकारी ने आसनसोल में पार्टी की रैली और जनसभा के दौरान कुछ समय इसी होटल में बिताया था। सभा मंच से उन्होंने होटल के मालिक, जो एक सिख व्यवसायी हैं, के आतिथ्य की भी सराहना की थी। बीजेपी का आरोप है कि यही बात तृणमूल को नागवार गुज़री और अब उस व्यवसायी को निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि होटल के मालिक ने इस विषय पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।
बीजेपी राज्य कमेटी के नेता कृष्णेंदु मुखोपाध्याय ने कहा, हम देखना चाहते हैं कि क्या अन्य होटलों पर भी इसी तरह की कार्रवाई होती है या नहीं। हमें आशंका है कि बाकी जगह की जांच केवल दिखावे के लिए की गई है।
इस पूरी घटना पर तृणमूल कांग्रेस ने कड़ा प्रतिवाद किया है। पार्टी के राज्य सचिव वी शिवदासन ने कहा, कार्रवाई क्यों हुई, यह प्रशासन ही बेहतर बता सकता है। बीजेपी के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वे इस निरीक्षण को सियासी रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। व्यापारी किसी पार्टी से नहीं होते, वे सिर्फ व्यापार से मतलब रखते हैं।
प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो शहर के अन्य कुछ होटलों में भी औपचारिक निरीक्षण किया गया था, लेकिन बीजेपी ने इसे केवल ‘आईवॉश’ बताया है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
