West Bengal

हुगली से लापता शिक्षक मध्यप्रदेश से ट्रेन में मिले, गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस

पुलिस के साथ हुगली से लापता शिक्षक

हुगली, 07 जुलाई (Udaipur Kiran) ।

तरकेश्वर जाने के नाम पर घर से निकले एक प्राथमिक शिक्षक को मध्यप्रदेश से एक ट्रेन से बरामद किया गया। लेकिन शिक्षक के साथ कोई और नहीं था। इससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि उनकी पत्नी के मोबाइल पर 15 लाख रुपये फिरौती की जो मांग की गई थी, वह किसने और क्यों भेजी? क्या यह वास्तव में अपहरण का मामला था या इसके पीछे कोई और रहस्य है? हरिपाल थाने की पुलिस मामले की गुत्थी सुलझाने में जुटी है।

पुलिस के अनुसार, चार जुलाई की दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हुगली जिले के नालिकुल निवासी एवं प्राथमिक शिक्षक देवकुमार दास (38) घर से निकले। उन्होंने पत्नी अर्पिता दास से कहा कि वे तरकेश्वर जा रहे हैं। उन्होंने अपनी बाइक नालिकुल स्टेशन के पास एक गैराज में खड़ी की और उसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चला।

जब कई घंटों तक देवकुमार घर नहीं लौटे, तो पत्नी अर्पिता ने हरिपाल थाने में उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। उसी रात अर्पिता के मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसमें लिखा था कि उनके पति का अपहरण कर लिया गया है और उन्हें छोड़ने के लिए 15 लाख रुपये की फिरौती की मांग की गई। साथ ही धमकी दी गई कि अगर पुलिस को सूचना दी गई, तो देवकुमार को गायब कर दिया जाएगा। अर्पिता ने यह बात तुरंत पुलिस को बताई।

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए देवकुमार के मोबाइल की टावर लोकेशन ट्रैक की। शुरुआत में फोन की लोकेशन आसनसोल में मिली, फिर लोकेशन लगातार बदलती रही और विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर दिखाई देने लगी। इससे पुलिस को संदेह हुआ कि देवकुमार किसी ट्रेन में सफर कर रहे हैं।

जांच आगे बढ़ने पर पुलिस को पता चला कि वह चंबल एक्सप्रेस में सवार हैं और मध्यप्रदेश के इलाके में हैं। इसके बाद हरीपाल थाने की पुलिस ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों के जीआरपी से संपर्क किया।

तारकेश्वर सर्कल के सर्कल इंस्पेक्टर प्रशांत चटर्जी ने सोमवार को बताया कि उसी समय एक अन्य मामले की जांच के सिलसिले में धनियाखाली थाना की एक पुलिस टीम भी चंबल एक्सप्रेस से ग्वालियर जा रही थी। हरीपाल थाने ने उनसे संपर्क किया और फिर उस टीम ने ट्रेन में काफी खोजबीन कर देवकुमार को ढूंढ निकाला गया।

उन्हें झांसी स्टेशन पर ट्रेन से उतारा गया और फिर सोमवार की सुबह उन्हें हरिपाल थाना लाया गया।

देवकुमार दास को चंदननगर अदालत में पेश किया गया जहां उनसे गुप्त जिरह की गई। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि वे तरकेश्वर जाने की बात कहकर चंबल एक्सप्रेस में कैसे और क्यों सवार हुए।

क्या वे स्वेच्छा से कहीं जा रहे थे?

और अगर अपहरण नहीं हुआ, तो 15 लाख की फिरौती की मांग वाला मैसेज किसने भेजा?

पुलिस अब इन सभी पहलुओं की जांच कर रही है। मामला अभी रहस्यमय बना हुआ है।

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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय

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