
हुगली, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । एक ओर जहां 21 जुलाई को कोलकाता के धर्मतला में तृणमूल कांग्रेस की वार्षिक शहीद दिवस रैली की तैयारियाँ जोरों पर हैं, हावड़ा के शिवपुर इलाके में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीर लगे कई होर्डिंग्स को फाड़े जाने की घटना को लेकर जबरदस्त राजनीतिक विवाद छिड़ गया है।
तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना को पार्टी को बदनाम करने की साजिश करार देते हुए भाजपा और सीपीएम पर सीधा आरोप लगाया है। हालांकि भाजपा ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए तृणमूल के अंदरूनी गुटबाजी को इसके लिए जिम्मेदार बताया है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, शिवपुर थाना अंतर्गत फॉर्शोर रोड और जगत बनर्जी रोड के किनारे लगे होर्डिंग्स को अज्ञात असामाजिक तत्वों ने बुधवार देर रात ब्लेड से काटकर फाड़ दिया। गुरुवार सुबह जब यह मामला सामने आया, तो तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने शिवपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने की मांग की।
घटना की निंदा करते हुए राज्य के खाद्य प्रसंस्करण मंत्री और हावड़ा जिला तृणमूल कांग्रेस के चेयरमैन अरूप रॉय ने कहा, “यह एक सोची-समझी साजिश है। भाजपा और सीपीएम मिलकर यह हरकत कर रहे हैं। 2021 के चुनाव में सीपीएम का वोट भाजपा को गया था। अब फिर से वे एकजुट होकर षड्यंत्र कर रहे हैं। पुलिस जांच में सब कुछ साफ हो जाएगा।”
उन्होंने विपक्षियों पर कटाक्ष करते हुए यहां तक कहा, “ये लोग जानवर हैं, इनमें इंसानियत की कोई भावना नहीं है।”
खास बात यह है कि जिन होर्डिंग्स को नुकसान पहुंचाया गया, उनमें ज्यादातर पर पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी की तस्वीरें थीं, जबकि अरूप रॉय के नाम वाले बैनर सुरक्षित हैं। इससे राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि कहीं यह तृणमूल कांग्रेस के भीतर ही चल रही गुटबाजी का नतीजा तो नहीं?
हालांकि अरूप रॉय ने इस आरोप को सिरे से नकारते हुए कहा,
“पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है। यह काम किसने किया, पुलिस जांच के बाद सब साफ हो जाएगा।”
गौरतलब है कि राजीव बनर्जी एक समय तृणमूल छोड़कर भाजपा में चले गए थे, लेकिन बाद में वे फिर तृणमूल में लौट आए और अब जिला परिषद के मेंटर पद पर हैं।
भाजपा के राज्य सचिव उमेश राय ने पलटवार करते हुए कहा,
“विपक्ष तृणमूल के होर्डिंग क्यों फाड़ेगा? यह उनकी अपनी गुटबाजी का परिणाम है। एक गुट ने दूसरे गुट के होर्डिंग फाड़ दिए हैं। तृणमूल के हर स्तर पर झगड़े चल रहे हैं।”
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
