
मुरैना, 2 अगस्त (Udaipur Kiran) । चम्बल नदी की बाढ़ से ग्रामीणों को जैसे ही राहत मिली और वह अपने घरों पर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि उनके घर तथा नजदीक लगे पेड़ों पर जहरीले सांपों ने कब्जा कर रखा है। इससे भयभीत ग्रामीणों ने सर्प मित्र के सहारे घर व पेड़ों से सांपों को पकड़वाकर जंगल में मुक्त करवा दिया। इससे ग्रामीण दहशतजदा हो गये हैं। गांव में पहुंचे सर्प मित्र बृजेश सिंह सिसोदिया ने ग्रामीणों से अपील की है कि हर हाल में सांप का जीवन सुरक्षित रखें, क्योंकि प्राकृतिक जीवन चक्र के लिये सर्प का जीवन भी आवश्यक है।
चम्बल का जल स्तर खतरे के निशान से लगभग 2 मीटर नीचे उतर गया। तटवर्ती गांव से पानी तेज गति से उतर रहा है। अधिकांश गांव जिनमें पानी भर गया था उन ग्रामीणों ने चम्बल की बाढ़ से राहत की सांस ली है। यह ग्रामीण अब नई समस्या का सामना कर रहे है। चम्बल के उतर जाने पर गांव के घरों में दल-दल, गंदगी तथा रेत भरा हुआ है। इसकी सफाई करने पहुंचे लोगों को जहरीले सर्प का सामना करना पड़ रहा है।
जिले की अम्बाह तहसील क्षेत्रान्तर्गत चम्बल किनारे के गांव बाबू सिंह की घेर निवासी अधिकांश ग्रामीण आश्चर्यचकित रह गये थे। घर के साथ-साथ पेड़ों पर भी उन्होंने कोबरा सांप लटकते देखे। इस बीच ग्रामीण गोपाल सिंह तोमर ने आज सुबह जब अपने घर की निचली मंजिल में दल-दल, गंदगी तथा रेत देखा ।
सफाई के लिये सामान लेने के लिये ऊपर की मंजिल पर पहुंचे तब कमरे में कोबरा सांप की फुसकार का सामना करना पड़ा। कमरा बंद कर ग्रामीणों को सूचना के साथ-साथ सर्प मित्र को बुला लिया गया। लगभग दो घंटे की कड़ी मशक्कत के साथ ही कोबरा को पकडऩे में सफलता मिली। इसी गांव के सन्नी नामक युवक के घर की साइड में लगे पेड़ पर सर्प लटक रहे थे।
सर्प मित्र ने इन सांपों को पकडक़र जंगल में मुक्त कर दिया है।
बहरहाल चम्बल के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ के उतर जाने पर ग्रामीणों को गंदगी के साथ-साथ जहरीले सर्प, कीड़े का सामना करना पड़ रहा है। जिले के पानी का ताल गांव निवासी बृजेश ङ्क्षसह सिसोदिया पिछले 7-8 वर्षों से सांप पकडक़र लोगों के जीवन की रक्षा के साथ-साथ सर्प जीवन की रक्षा का कार्य कर रहे हैं। इनके द्वारा बाबू ङ्क्षसह घेर में कई सांपों को पकडक़र लेागों को दहशत से मुक्त कराने तथा सर्प का जीवन सुरक्षित करने का कार्य किया है।
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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा
