
नारनौल, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) ।शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की जयंती को समर्पित करते हुए प्रगतिशील शिक्षक ट्रस्ट, नारनौल ने सोमवार को अपनी साहित्यिक इकाई के माध्यम से एक राष्ट्रीय ई काव्य गोष्ठी एवं युवा रचनाकार सम्मान समारोह का आयोजन किया। ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ संजय शर्मा एवम साहित्यिक इकाई के प्रभारी ओशिन शुक्ला ‘साक्षी’ ने बताया कि यह विशेष कार्यक्रम भारतीय आज़ादी के नायक शहीद भगत सिंह की 118 वीं जयंती पर ऑनलाइन माध्यम गूगल मीट पर आयोजित किया गया।
गोष्ठी में देशभर के साहित्यकार, युवा रचनाकार और साहित्यप्रेमियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। आयोजन शहीद भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों और देशभक्ति की भावना को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के उद्देश्य से किया गया। साहित्यिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु पद्मश्री पुरस्कार से अलंकृत वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. संतराम देशवाल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। हरियाणा साहित्य अकादमी के हिंदी एवम हरियाणावी प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। वहीं अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त साहित्यकार डॉ. रामनिवास ‘मानव’ अति विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
डॉ. संतराम देशवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज़ादी के अमर सेनानियों के त्याग और बलिदान को स्मरण करना मात्र श्रद्धांजलि नहीं। बल्कि युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। कार्यक्रम में देश के 11 प्रांतों से पचास से अधिक युवा कवियों की रचनाएँ प्राप्त हुई हैं। जिनमें से चयन समिति द्वारा चयनित श्रेष्ठ दस कवियों को कार्यक्रम में अपनी काव्य प्रस्तुति का अवसर मिला। इस आयोजन की पारदर्शिता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए चयन समिति में वरिष्ठ साहित्यकार राजपाल यादव ‘राज’ (गुरुग्राम), अखिल भारतीय साहित्य परिषद के जिला अध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र भारद्वाज, तथा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. देवीराम शर्मा ‘निर्मल’ को चयन समिति में शामिल किया गया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी ने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम बना, बल्कि युवा रचनाकारों की प्रतिभा को राष्ट्रीय पटल पर प्रस्तुत करने का भी सशक्त माध्यम बना। विशिष्ट अतिथि डॉ रामनिवास ‘मानव’ ने कहा कि प्रगतिशील शिक्षक ट्रस्ट का यह प्रयास साहित्य और समाज दोनों ही स्तरों पर नई ऊर्जा और जागरूकता का संचार करेगा तथा युवाओं में देशभक्ति और सृजनशीलता का भाव और प्रखर होगा। इस मौके पर बिहार, छत्तीसगढ, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, असम, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड से कवियों नें अपनी रचनाएं प्रेषित कर भाग लिया।
—————
(Udaipur Kiran) / श्याम सुंदर शुक्ला
