
प्रयागराज, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में बुधवार को हिन्दी परिषद पुस्तकालय संवाद शृंखला की पहली कड़ी में वरिष्ठ आलोचक एवं कवि प्रो. राजेंद्र कुमार के जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर राजेंद्र कुमार की कविताओं का पाठ एवं बातचीत का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रो प्रणय कृष्ण एवं संचालन डॉ दीनानाथ मौर्य ने किया।
इस कार्यक्रम में प्रदीप पार्थिव द्वारा राजेंद्र के “हर कोशिश एक बगावत है“ काव्य संकलन से ’मिट्टी के ढेले’, ’हवाएँ और अखबार’, ’हमारा समय’, मनीता यादव द्वारा ’भगत सिंह सौ बरस के बूढ़े के रूप में याद किए जाने के विरुद्ध’ कवि धूरिया द्वारा ’विपर्यय’,’मनसब मियां’, चंद्रशेखर कुशवाहा द्वारा ’बुद्धिजीवियों की बैठक’ पारस सैनी द्वारा ’अर्थ कितना’,’आधार कार्ड’,’ जो नदी थी’,’लोककथा में बकरी’,’मैं-तुम’, केतन यादव द्वारा ’घोषणाएँ कुछ भी नहीं बतातीं’, ’पूर्वाग्रह’,’सच की चोरी’,’कुछ भी नहीं किया मैंने’,’सिर्फ प्यार’ तथा मोनिका यादव ने “ऋण गुना ऋण“ संग्रह से ’इतिहास और नदी’,’नया बरस’,’नामी आदमी’,’बारिश से पहले का अंधेरा’ शीर्षक कविताओं का पाठ किया।
काव्यपाठ के बाद प्रो. आशुतोष पार्थेश्वर ने कवि राजेंद्र कुमार के व्यक्तित्व को याद करते हुए उनकी कविताओं को सहज जीवन की कविताओं की संज्ञा दी तथा उनके उत्तम स्वास्थ और दीर्घायु जीवन की कामना की। गुरु प्रो. राजेंद्र कुमार को याद करते हुए प्रो. कुमार वीरेंद्र ने बताया कि कविता और आलोचना का ककहरा उन्होंने उनसे सीखा है। राजेंद्र कुमार इंसानियत के पक्ष में खड़े कवि हैं। उन्होंने राजेन्द्र कुमार की कविताओं में व्याप्त सामाजिक चेतना और विस्तृत संवेदना पर बात करते हुए ’चिड़िया ’शीर्षक कविता का पाठ किया।
अज्ञेय और राजेंद्र कुमार की वार्ता को उद्धृत करते हुए प्रो. प्रणय कृष्ण ने बताया कि वह शब्दों से खेलना अच्छी तरह से जानते हैं। इसके साथ-साथ प्रो. प्रणय कृष्ण ने राजेंद्र कुमार के स्वाभिमानी स्वभाव की भी चर्चा की। कार्यक्रम में डॉ. अमृता, पारस सैनी, आंनद कुमार यादव आदि ने भी राजेंद्र कुमार की कविताओं का पाठ किया।
इस अवसर पर डॉ. कल्पना वर्मा, रामजी राय, डॉ गाजुला राजू, डॉ जनार्दन, शिवांगी गोयल, सोनल, रेशमा, रिमशी, रीना, कृष्ण कुमार गौतम, प्रदीप यादव, उज्ज्वल गुप्ता, आशुतोष त्रिपाठी, मारुति मानव, संकट मोचन आर्य, प्रज्ञा चंद्रौल, रीतेश, आदित्य जायसवाल, नीरज सहित इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, शोधार्थी एवं शहर के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
