Uttar Pradesh

पीएम मोदी के संकल्प ‘हर घर स्वदेशी’ का उद्देश्य भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देना : अजीत सिंह बब्बन

पीएम मोदी के संकल्प ‘हर घर स्वदेशी’ का उद्देश्य भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देना है: अजीत सिंह बब्बन

हरदोई, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । भाजपा कार्यालय पर आयोजित आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान के अंतर्गत ‘हर घर स्वदेशी, ‘घर घर स्वदेशी’ विषय पर पत्रकार वार्ता में जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य भारत की आर्थिक प्रगति को मजबूत बनाना है। पीएम मोदी के संकल्प ‘हर घर स्वदेशी’ का उद्देश्य भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देना है, जिससे आयात कम हो, रोजगार बढ़े।

उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.4% की वृद्धि के साथ 3.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँची और 2025-26 में इसे 6.7% तक बढ़ने का अनुमान है। यूपी में भी तेजी से विकास हो रहा है, जहां कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है। यूपी की अर्थव्यवस्था देश में दूसरी सबसे बड़ी है और रोजगार, MSMEs, और डिजिटल भारत पहल के जरिए सरकार का समावेशी विकास सुनिश्चित कर रही है। उन्हाेंने बताया कि स्वदेशी उद्योगों जैसे कुटीर, हैंडलूम, और मेड-इन-भारत प्रोडक्ट्स ने यूपी और भारत की अर्थव्यवस्था में निर्णायक भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, यह अभियान हर घर तक स्वदेशी उत्पाद पहुंचाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। इससे न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी सुदृढ़ होंगे।

जिलाध्यक्ष ने बताया कि ‘हर घर स्वदेशी’ के तहत आत्मनिर्भर भारत का उद्देश्य भारत और यूपी की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है, खासकर कृषि, स्वास्थ्य, निर्यात, रक्षा, तकनीक और टेक्सटाइल क्षेत्रों में, आंकड़ों को पेश करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि 2024-25 में भारत का निर्यात 7.1% बढ़कर 346 अरब डॉलर तक पहुंचा। जिनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और कृषि उत्पादों का बड़ा योगदान है। यूपी की अर्थव्यवस्था भी तेजी से बढ़ रही है और राज्य ने निर्यात लक्ष्य को ट्रिपल करने की योजना बनाई है। वहीं रक्षा क्षेत्र में 2024-25 में 1.20 लाख करोड़ रुपये का घरेलू सैन्य उपकरण क्रय हुआ, जो आत्मनिर्भरता का बड़ा संकेत है। यह आधुनिक तकनीकि और ड्रोन युद्धक क्षमता को बढ़ावा देता है। तकनीक क्षेत्र में भारत का कारोबार 2025-26 में 300 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें आईटी सेवाएं और डिजिटल उत्पाद प्रमुख हैं। भारत के कपड़ा निर्यात 2025-26 तक 65 अरब डॉलर तक पहुंच सकते हैं, जिससे यूपी जैसे राज्यों को रोजगार और निवेश मिलेगा।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से किसानों को सीधे वित्तीय समर्थन मिलता है, जिससे उनकी आय स्थिर होती है। ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) प्लेटफॉर्म ने किसानों को ऑनलाइन मंडियों से जोड़ा है, जिससे बेहतर दाम और बड़ी मार्केट पहुंच मिलती है। किसान उत्पादन कंपनियों और सहकारिता के जरिए किसान सामूहिक रूप से उत्पादन और विपणन करते हैं, जिससे लागत घटती है और मुनाफा बढ़ता है। सब्सिडी पर आधुनिक उपकरण और *सिंचाई योजनाएं भी किसानों की उत्पादकता बढ़ाती हैं।

आत्मनिर्भर भारत को बनाने में सहकारिता विभाग की योजनाओं पर बताया कि यह विभाग किसानों, कुटीर उद्योगों और छोटे उद्यमियों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और बाजार तक पहुंच प्रदान करता है। कृषि सहकारी समितियां किसानों को सामूहिक रूप से उत्पादन व विपणन में मदद करती हैं। मुद्रा योजना के तहत छोटे व्यवसायों को आसान ऋण मिलते हैं। महिला सहकारी समूह आर्थिक सशक्तिकरण बढ़ाते हैं।डिजिटल सहकारिता से पारदर्शिता और काम के संचालन में सुधार होता है। उत्तर प्रदेश में सहकारिता संस्थाएं एम एस एम ई कुटीर उद्योग और किसान समुदाय को जोड़ कर रोजगार और आर्थिक विकास बढ़ा रही हैं। इससे आत्मनिर्भरता को मजबूत आधार मिलता है, क्योंकि स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग और सामूहिक प्रयास आर्थिक स्थिरता लाते हैं। कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष विनोद राठौर, संजय सिंह, जिला महामंत्री अनुराग मिश्र, ओम वर्मा, जिला मंत्री अविनाश पांडे, नीतू चंद्रा, मीडिया प्रभारी गांगेश पाठक, सह मीडिया प्रभारी परेश लोहिया, सत्यम शुक्ला आदि मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / अंबरीश कुमार सक्सेना

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