Haryana

पीपीपी मोड पर सात शुगर मिलों में स्थापित होंगे प्लांट

हरियाणा के सहकारिता मंत्री अरविंद शर्मा शुगरफैड की बैठक लेते हुए

-पानीपत चीनी मिल में लगेगा सहकारी एथनॉल प्लांट, टेंडर जल्द

-शुगर मिलों में चीनी बैग्स पर ऑनलाइन निगरानी की तैयारी, हर बैग का होगा नंबर

-सहकारिता मंत्री ने शुगर फेडरेशन व शुगर मिल अधिकारियों की ली बैठक

चंडीगढ़, 3 सितंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों में गन्ना पेराई के बाद बचने वाली खोई की गिट्टी बनाकर थर्मल पावर प्लांट को आपूर्ति करने के मकसद से 7 सहकारी चीनी मिलों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) पर प्लांट लगाए जाएंगे। इसके लिए शुगर फेडरेशन जल्द ही विशेष कार्य योजना तैयार करेगा। सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा के निर्देश पर अब सहकारी चीनी मिलों में चीनी बैग्स पर ऑनलाइन मार्किंग सुनिश्चित की जाएगी। इससे हर बैग का अपना सीरीयल नंबर, बैच संख्या, चीनी उत्पादन व चीनी भराई की तिथि भी दर्ज होगी। इससे व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी।

बुधवार को सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा की अध्यक्षता में शुगर फेडरेशन और इससे जुड़ी सहकारी चीनी मिलों के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित हुई, जिसमें सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयेन्द्र कुमार, शुगर फेडरेशन के प्रबंध निदेशक शक्ति सिंह, सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेशक उपस्थित रहे। अधिकारियों द्वारा विस्तृत तरीके से फेडरेशन व सहकारी चीनी मिलों के बारे रिपोर्ट पेश की गई।

बैठक उपरांत पत्रकारों से चर्चा करते हुए सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में प्रदेश ही सहकारी चीनी मिलों में निरंतर व्यवस्था सुधार को रफ्तार दी जा रही है। उन्होंने पेराई सत्र वर्ष 2024-25 के दौरान 303.81 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई करते हुए शत-प्रतिशत गन्ना उत्पादक किसानों को 1210 करोड़ रूपए जारी करने की सराहना की। आगामी पेराई सत्र वर्ष 2025-26 के लिए सहकारी चीनी मिलों में 343 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा गया है। यही नहीं चीनी मिलों को पेराई सत्र के लिए तैयार करने के मकसद से अब तक 60 प्रतिशत मेंटेनेंस का काम पूरा हो चुका है।

सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि सहकारी चीनी मिल करनाल, गोहाना, सोनीपत, जींद, पलवल, महम व कैथल में गन्ना पेराई उपरांत बचने वाली खोई से गिट्टी तैयार करने के लिए पीपीपी मोड पर प्लांट लगाए जाएंगे, जिसका बड़ी संख्या में थर्मल पावर प्लांट में इस्तेमाल किया जाएगा। यही नहीं सहकारी चीनी मिल पानीपत में 150 करोड़ रूपए की लागत से एथनॉल प्लांट लगाया जाएगा, जिसके लिए जल्द टेंडर लगाया जा रहा है। कैबिनेट मंत्री ने सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्र में किसानों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए फील्ड में जाने के निर्देश दिए, ताकि 5 साल पुराने गन्ना उत्पादक किसानों को फिर से मिल के साथ जोड़ा जा सके।

भविष्य में सहकारी चीनी मिलों के टेंडर एक साथ व एक समान नियमों के अनुरूप ही लगाए जाएंगे। उन्होंने सहकारिता विभाग के आला अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो कृषि विभाग के साथ मिलकर गन्ना उत्पादकों को मजदूरों के संबंध में आ रही परेशानियों के समाधान के लिए हार्वेस्टिंग मशीन सब्सिडी पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था बनवाएं, ताकि गन्ना उत्पादकों की परेशानी का निदान किया जा सके।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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