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कन्नौज मेडिकल कॉलेज कैंसर एवं हृदय रोग विभाग में सुविधाओं की याचिका निस्तारित

इलाहाबाद हाईकाेर्ट

प्रयागराज, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ. बीआर अंबेडकर राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज में कैंसर और कार्डियोलॉजी यूनिट को चालू करने का निर्देश देने की मांग में दाखिल जनहित याचिका राज्य सरकार की ओर से मिली जानकारी के बाद निस्तारित कर दी। कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत जानकारी से स्पष्ट है कि सरकार अस्पताल में सुविधाओं को चालू करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। इसलिए इस याचिका में कोई अतिरिक्त निर्देश देने की आवश्यकता नहीं है।

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने सपा नेता एवं अधिवक्ता शौर्य दीप की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि वर्तमान में कैंसर अस्पताल में ओपीडी और डे केयर कीमो सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। अन्य विभागों के डॉक्टरों द्वारा बायोप्सी/ऑपरेशन और अन्य उपचार किए जा रहे हैं। हृदय अस्पताल के संबंध में बताया गया कि 92 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और एक कैथ लैब स्थापित की जा रही है। इसके लिए अस्पताल के लिए आवश्यक पदों की संख्या निर्धारित करने के लिए एक समिति बनाई गई है, जिसने कुल 1003 पदों की आवश्यकता बताई है।

यह भी बताया गया कि कैंसर अस्पताल के लिए आईईए के दिशा निर्देशों के अनुसार निरीक्षण हो चुका है और रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है, जो जांच के अधीन है। इसके अलावा वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए हृदय अस्पताल और कैंसर अस्पताल के निर्माण के लिए 607 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है।

डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर मेडिकल कॉलेज कन्नौज में कैंसर एवं हृदय रोगियों के समुचित इलाज की सुविधाओं की मांग में दाखिल शौर्य दीप की जनहित याचिका में कहा गया था कि उक्त हॉस्पिटल अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में बनकर तैयार हुआ था और इसका लोकार्पण भी वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। वर्तमान में वह कन्नौज लोकसभा से सांसद भी हैं। कहा गया था कि कुल 500 बेड के अस्पताल में 133 करोड़ की लागत से कैंसर रोगियों के इलाज के लिए 124 बेड की यूनिट भी बनकर तैयार हुई लेकिन समुचित इलाज की व्यवस्था न होने से रोगियों को कोई राहत न मिल पाने पर बड़े शहरों में इलाज के लिये जाना पड़ रहा है। यही हाल हृदय रोग विभाग का है।

(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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