Uttar Pradesh

सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती की पूर्व संध्या पर कठपुतली नाटक ‘हिन्द के सरदार’ का प्रदर्शन

सरदार पटेल की जयंती की पूर्व संध्या पर कठपुतली नाटक
सरदार पटेल की जयंती की पूर्व संध्या पर कठपुतली नाटक

—54 मिनट के कठपुतली नाटक में कुल 78 कठपुतलियों ने बताया लौह पुरुष का जीवन वृत्त

वाराणसी,30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भारत के प्रथम गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती की पूर्व संध्या पर गुरूवार को कठपुतली नाटक ‘हिन्द के सरदार’ का प्रदर्शन किया गया। सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट के तत्वावधान में क्रिएटिव पपेट आर्ट्स ग्रुप ने सरदार पटेल के जीवनवृत्त पर आधारित कठपुतली नाटक का प्रदर्शन भंदहा कला कैथी स्थित आशा लाइब्रेरी में किया। इस प्रदर्शन में कुल 78 कठपुतलियों का प्रयोग किया गया। लगभग 54 मिनट की इस प्रस्तुति में कुल 6 कठपुतली कलाकारों ने प्रतिभाग किया ।

कार्यक्रम संयोजक एवं कठपुतली कलाकार मिथिलेश दुबे ने बताया कि सरदार पटेल के जीवन पर आधारित इस कठपुतली नाटक का कथानक राजसमन्द राजस्थान के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. नरेंद्र निर्मल ने लिखा है। इस नाटक में प्रयुक्त होने वाली कठपुतलियों को बनाने और नाट्यरूप देने में लगभग एक वर्ष का समय लगा । उन्होंने बताया कि पटेल के 150वें जयंती वर्ष में देश भर में इस नाटक की 150 प्रस्तुति करने का लक्ष्य है । कार्यक्रम में ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि लौह पुरुष के नाम से प्रसिद्ध सरदार वल्लभ भाई पटेल, भारतीय राजनीति के एक दिग्गज और देश के पहले उप-प्रधानमंत्री थे। वे एक सच्चे देशभक्त थे, जिन्होंने महात्मा गांधी से प्रभावित होकर अहिंसा के सिद्धांतों का प्रयोग ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध लड़ने के लिए किया। उन्होंने जीवन भर देश की स्वतंत्रता और विकास के लिए एकता और अखंडता के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने भारत के राजनीतिक एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 562 रियासतों को भारतीय संघ में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। नाटक प्रस्तुति कठपुतली कलाकार मिथिलेश दुबे के नेतृत्व में अनिल कुमार, विशाल सिंह, सुजीत कुमार, पंकज कुमार, विशाल कुमार द्वारा की गयी।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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