
भागलपुर, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिले के गोपालपुर में बाढ़ की विभीषिका ने लोगों को सड़क पर ला दिया है। सड़क किनारे मिट्टी का चूल्हा जिस पर कभी बच्चों के लिए खाना पकता था, अब ठंडा पड़ा है। वहीं पास में एक मां अपने मासूम को गोद में लेकर बैठी है। चेहरे पर गहरी बेबसी और आंखों में थकान का साया दूर से ही दिखाई देता है। चौकी पर एक बच्चा गहरी नींद में सो रहा है। शायद थककर या भूख से। इसी बीच एक महिला अपने बच्चों के लिए थाली में चावल और दाल परोसती है। लेकिन इससे पहले कि वह थाली तक पहुंच पाए एक बकरी आकर वह खाना खा जाती है।
यह नजारा बताता है कि इंसान और मवेशी दोनों एक ही हालात में हैं। भूख से बेहाल, बिना किसी सहारे के। चारों तरफ पानी से घिरे इन परिवारों के लिए सड़क ही अब घर बन चुकी है। दिन में तपती धूप और रात में अंधेरे के बीच मासूम बच्चों के रोने की आवाजें इस बाढ़ की सबसे मार्मिक तस्वीर पेश करती हैं। प्रशासनिक मदद की उम्मीद अभी भी इन चेहरों पर टिकी है लेकिन इंसान के पेट की भूख और जिंदगी की जद्दोजहद हर पल भारी पड़ रही है।
.
—————
(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर
