धर्मशाला, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । प्रदेश भर के पेंशनर्स लगातार अपनी मांगों को सरकार के समक्ष उठा रहे हैं, लेकिन सरकार लगातार मांगों को अनदेखा कर रही है। ऐसे में पेंशनर्स को मजबूरन आंदोलन की राह पर चलना पड़ा है। इसी कड़ी में मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के विभिन्न पेंशनर्स संघों ने नवगठित पेंशनर्स ज्वाइंट फ्रंट के बैनर तले धर्मशाला में भी धरना प्रदर्शन किया और रोष रैली निकाली। इसके बाद जिला प्रशासन के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा गया। पेंशनर्स ज्वाइंट फ्रंट के प्रदेश प्रवक्ता कल्याण भंडारी ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि जनवरी 2016 से लेकर जनवरी 2022 के दौरान सेवानिवृत्त हुए पेंशनर्स का लाखों रुपये का एरियर सरकार के पास लंबित है। सरकार पांच प्रकार के भुगतान पर कुंडली मारकर बैठी है।
उन्होंने कहा कि एक आकलन के अनुसार एक पेंशनर का करीब दस लाख रुपये सरकार के पास पड़ा है। वर्ष जनवरी 2016 से जनवरी 2022 के दौरान लगभग 43 हजार कर्मी रिटायर हुए, ऐसे में प्रति कर्मी 10 लाख रुपये के हिसाब से पेंशनर्स का करोड़ों रुपये सरकार के पास है। प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक न होने के चलते प्रदेश सरकार, पेंशनर्स को करोड़ों रुपये के लंबित भुगतान करने में सक्षम नहीं है, लेकिन हमारी मांग है कि उपरोक्त अवधि के बीच रिटायर हुए पेंशनर्स को थोड़ा-थोड़ा करके भुगतान करने की दिशा में सरकार आगे बढ़े। पेंशनर्स के करोड़ों रुपये के मेडिकल बिल सरकार के पास लंबित पड़े हुए हैं।
भंडारी ने कहा कि कई पेंशनर्स जिनका निधन हो गया है, उनके आश्रित भी सरकार की ओर से देय लाभ की आस में टकटकी लगाए बैठे हैं। धरना-प्रदर्शन, रैली के माध्यम से हम अपनी मांगों को सरकार के समक्ष पहुंचाना चाहते हैं, जिससे सरकार, पेंशनर्स को उनके हक दे। सरकार को ज्ञापन भेजा गया है, जिस पर सरकार सकारात्मक रुख अपनाती है तो ठीक, अन्यथा पेंशनर्स के हक में ज्वायंट फ्रंट उग्र रुख अख्तियार करेगा।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
