HimachalPradesh

अपनी मांगों को लेकर जल्द सड़कों पर उतरेंगे पेंशनर्स : सुरेश ठाकुर

धर्मशाला, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश एवं हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स सयुंक्त संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश ठाकुर ने एक बार फिर से प्रदेश की सरकार पर पेंशनरों की मांगों को पूरा करने में दिलचस्पी न दिखाने के लिए सरकार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने यहां जारी एक प्रेस बयान में कहा कि सीमा की भी कोई हद होती है अब जबकी पानी सिर के ऊपर निकल चुका है तो पेंशनरों को सड़कों पर उतर कर ही अपने हक़ हकूकों के लिए लड़ाई लड़नी होगी।

उन्होंने कहा कि पेंशनरों की करोड़ों रूपये की देनदारियां सरकार 1जनवरी 2016 से नहीं दे रही है। सरकार बार बार प्रदेश में पैसों की कमी बता कर पेंशनरों से अन्याय कर रही है। इसलिए धीरे धीरे सभी पेंशनरों के ग्रुप एकजुट हो रहे हैं। इसी कड़ी में बीते सात अगस्त को 11 संगठनों के नेताओं ने हमीरपुर में बैठक कर संघर्ष समिति का गठन किया है। सरकार से पहले भी अलग अलग संगठनों ने बातचीत की है पर आज दिन तक कोई भी सकारात्मक परिणाम नहीं निकल पाया है इसलिए अब संघर्ष समिति बैठक करके एक सांझा मांग पत्र सरकार को देगी और साथ में सरकार को कम से कम 15 दिन का नोटिस देकर अपील की जाएगी कि सरकार पेंशनरों की मांगों को मानें नहीं तो प्रदेश के पेंशनर्स आंदोलन करने से परहेज नहीं करेंगे।

मुख्यमंत्री से की स्वतंत्रता दिवस पर डीए की घोषणा की अपील

सुरेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वह स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त को कम से कम महंगाई भते की दो किश्तें कुल 8 प्रतिशत देने की घोषणा करें और जो 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की घोषणा 15 अप्रैल को की थी उसे वापिस लें। उन्होंने कहा कि महंगाई भते की किस्तों को जारी नहीं करने से सरकार के प्रति पेंशनरों और कर्मचारियों में भारी नाराजगी है।

विधायकों के वेतनमान बढ़ाने के विधेयक का किया विरोध

सुरेश ठाकुर ने यह भी हैरानी जताई कि प्रदेश के विधायकों को मासिक वेतनमान बढ़ाने का जो विधेयक विधानसभा में पारित किया गया है उसका भी विरोध किया है। उन्होंने कहा कि अगर यह विधेयक पास हो गया तो एक एक विधायक के मासिक बेसिक वेतन में 30 हजार रूपये की वृद्धि होगी जोकि 55 हजार रूपये से बढ़कर 85 हजार रूपये होगी और मासिक वेतन 2, लाख 10 हजार से बढ़कर 2 लाख 90 हजार हो जायेगा। जिससे सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा जबकि सरकार को पेंशनरों की देनदारियों को देने के लिए पैसे की कमी नजर आ रही है। इस तरह की नजरअंदाजी सहन नहीं होगी और सरकारी खजाने का दुरुपयोग नहीं होने देंगें।

(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया

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