
हरिद्वार, 23 जून (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय राज्य पेंशनर फेडरेशन के आह्वान पर देशव्यापी आंदोलन कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड के सरकारी पेंशनर्स ने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड राजकीय पेंशनर्स समन्वित मंच ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान को सौंपा। नगर मजिस्ट्रेट ने ज्ञापन को शीघ्र प्रेषित करने का आश्वासन पेंशनर को दिया है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार सोमवार को राजकीय पेंशनर ने नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय पर एकत्रित होकर अपनी मांगों के समर्थन में और वित्त विधेयक 2025 के विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन स्थल पर जीपीडब्लूओ के संरक्षक आरडी अग्रवाल की अध्यक्षता में सभा की गई।
इस अवसर पर सभा में वक्ताओं ने केंद्र सरकार पर पेंशनर्स के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। वक्ताओं ने कहा कि वित्त विधेयक 2025 पारित कर भारत सरकार पेंशनर्स के पेट पर लात मारना चाहती है। उपाध्यक्ष ललित पांडे ने सरकार को चेताया है कि पेंशन से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंच के मुख्य संयोजक जेपी चाहर ने प्रधानमंत्री को प्रेषित ज्ञापन और नौ सूत्रीय मांगपत्र सभा में पढ़कर सुनाया। चाहर ने बताया कि आठवें वेतन आयोग का तत्काल गठन कर पेंशन रिवीजन को भी शामिल करने, राशिकरण की कटौती अवधि 15 वर्ष से कम कर 10 वर्ष करने, पुरानी पेंशन बहाल करने, कोरोना काल का डीए भुगतान करने, 65, 70, व 75 वर्ष पर 5 प्रतिशत पेंशन वृद्धि, राष्ट्रीय चिकित्सा नीति बनाकर पेंशनर्स को निःशुल्क कैशलेश चिकित्सा केंद्र की भांति उपलब्ध कराने और 30 जून, 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त को उनकी सेवानिवृत्ति से नेशनल इंक्रीमेंट देने की मांग दोहराई हैं।
संयोजक आर के जोशी ने भारत सरकार को कर्मचारी पेंशनर विरोधी बताते हुए चेताया कि अब और शोषण नहीं सहेंगे और आंदोलन तेज किया जाएगा।
प्रदर्शन में बीपी चौहान, आरके जोशी, स्वदेश कुमारी, रमेश पंत, एके शर्मा, मुकुल पाण्डेय, रविन्द्र कुमार, एसएस चौहान, अनिरुद्ध शर्मा, पंकज गुप्ता, मनोज शर्मा, रामचंद्र पाण्डेय, रमेश सैनी, विमल प्रताप सिंह, सुखवंश सिंह, अतर सिंह, हरीश पाण्डेय, राकेश श्रीवास्तव, रामसरीख, भूपेंद्र सिंह, कृष्ण अवतार, मोहन लाल शर्मा, आरके अस्थाना, पीके सिंह, विजय शर्मा, प्रवीण सिंह, अरविंद कुमार, रमेश कुमार, विजय, अनिल कुमार, कुलदीप सिंह, ललित पाण्डेय आदि ने भाग लिया।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
