
पौड़ी गढ़वाल, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । पौड़ी के तलसारी गांव में जितेन्द्र कुमार के आत्महत्या मामले में पुलिस ने एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि मामले में कोतवाली पौड़ी पुलिस टीम तत्काल घटनास्थल पर पहुंची व श्रीनगर से फॉरेंसिक टीम को बुलाकर मौके से साक्ष्य जुटाए।
आत्महत्या में प्रयुक्त गन, छर्रे, ब्लड सैम्पल के साथ साथ अन्य साक्ष्य भी संकलित किये गये। एफएसएल टीम द्वारा मृतक के हाथों का जीएसआर प्राथमिक परीक्षण किया गया तो मृतक के हाथों पर गन पाउडर होने की पुष्टि हुई है। परिजनों की तहरीर के आधार पर कोतवाली पौड़ी में मुकदमा दर्ज किया गया था। एसएसपी के मुताबिक मामले में प्रारंभिक जांच एवं साक्ष्य संकलन में यह तथ्य सामने आये कि बीती 20 अगस्त की रात्रि को मृतक और उसके अन्य साथी भगवान सिंह एवं सौरभ खंडूरी द्वारा बंदूक लेकर जंगल की ओर जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए गये थे।
इस बंदूक को भगवान सिंह द्वारा अपने रिश्तेदार ठाकुर सिंह ग्राम-थापली से मांग कर लाया गया था फिर तीनों लोग मृतक के वाहन से लगभग 11 बजे रात्रि में जंगल की ओर चल दिये।
इस दौरान मृतक ने दोस्तों को बताया कि वह जमीन और पैसों को लेकर वह काफी परेशान चल रहा है और मृतक जितेन्द्र लगातार अपने मोबाइल में कुछ टाइपिंग करने में लगा हुआ था। वापसी आते समय वाहन सौरभ द्वारा चलाया जा रहा था और ड्राइवर के बगल वाली शीट पर जितेन्द्र बैठा था और पिछली शीट पर भगवान बैठा हुआ था। जितेन्द्र द्वारा अपने मोबाइल का कोड सौरभ को मैसेज किया गया और बोला गया कि मैं अपने फोन का कोड तुम्हें भेज रहा हूं मुझे माफ कर देना मैं जा रहा हूं और एक दम से ट्रिगर दबाकर लगभग सुबह 4 बजे खुद पर गोली मार दी। जिससे मौके पर ही जितेन्द्र की मृत्यु हो गई। उससे पूर्व मृतक द्वारा अपने सुसाइड का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया। सौरभ व भगवान द्वारा जितेन्द्र के पिता सतीश को इस घटना के सम्बन्ध में फोन किया गया जिनके द्वारा बताया गया कि हम अभी देहरादून, भानियावाला में हैं और कुछ मत करना हम लोग गांव आ रहे हैं।
परिजनों के गांव पहुंचने पर ही परिजनों द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी गई। बताया कि सौरभ व भगवान के बयान इस सम्बन्ध में न्यायालय के समक्ष दर्ज करवाये जा रहे हैं। पुलिस द्वारा मृतक के मोबाइल की जांच (चेटिंग आदि) व अन्य जांच करने पर यह तथ्य प्रकाश में आया कि मृतक व आरोपित हिमांशु चमोली प्रापर्टी डीलिंग का काम भी करते हैं, जिनके बीच रानीपोखरी क्षेत्र में 3.5 बीघा भूमि के एक प्लॉट की डील हुई थी, जिसके लिए मृतक द्वारा लगभग 35 लाख का भुगतान हिमाशुं चमोली को किया गया।
हिमांशु चमोली द्वारा ना तो उस जमीन का सेटलमेंट किया गया और ना ही मृतक के पैसे वापस लौटाये गये। साथ ही मृतक के फोन करने पर ना तो फोन रिसीव किया और ना ही कोई रिसपांस दिया गया जिस कारण मृतक मानसिक रूप से परेशान रहने लग गया। मृतक के फोन में मृतक द्वारा 6 अगस्त व 18 अगस्त के सुसाइड करने सम्बन्धी वीडियो भी रिकार्ड किये गये थे, जिनसे यह पुष्टि होती है कि मृतक पैसे डूबने से मानसिक रूप से काफी परेशान था जिसके कारण मृतक द्वारा आत्महत्या करने का मन बनाया गया था।
एसएसपी ने बताया कि इस सम्बन्ध में जमीनी दस्तावेजों व बैंक डीटेल आदि की विस्तृत जांच पुलिस टीम द्वारा की जा रही है। पुलिस टीम द्वारा पूछताछ हेतु आरोपी हिमांशु चमोली को थाने लाया गया था, पूछताछ में आरोपित द्वारा इस बात को बताया कि हमारे बीच में प्रॉपर्टी की डील हुई थी लेकिन हम दोनों के बीच सेटलमेंट नहीं हो पाया मेरा पैसा डूब गया था और मुझे फाइनेंसशियल रूप से नुकसान हुआ। प्राप्त साक्ष्यों और पूछताछ में मृतक द्वारा लगाये गये आरोपों की पुष्टि होने पर हिमांशु चमोली को गिरफ्तार किया गया, जिसे कोर्ट में पेश करने की कार्रवाई की जा रही है।
(Udaipur Kiran) / कर्ण सिंह
