
पन्ना, 8 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के पन्ना जिला चिकित्सालय में जहां लगभग सात महिला चिकित्सकों के पद स्वीक्रत हैं, लेकिन मात्र दो पदस्थ हैं और एक बिना किसी सूचना के एक वर्ष से लापता हैं। वर्तमान में मात्र दो महिला चिकित्सकों डा0 मीना नामदेव एवं डा0 नीलम पटेल पदस्थ हैं तीसरी डाक्टर नीतिका सिंह लगभग एक वर्ष से बिना किसी सूचना के लापता हैं और शासन प्रशासन बेखबर है। उसमें भी महिला डाक्टर नीलम पटेल ने गत एक अगस्त से तीन माह का चाइल्ड केयर अवकास ले लिया है और जिला चिकित्सालय परिसर स्थित अपने शासकीय आवास पर पूरे दिन मरीज देख रही हैं। आखिर यह कैसा चाइल्ड केयर अवकाश लिया गया है कि बच्चे की देखभाल की बजाए पूरे दिन मरीजो को मात्र फीस के चक्कर में देखा जा रहा है। पता चला है कि उनका परिवार सतना में रहता जहां बच्चे भी रहते हैं। जहां पर रहकर उन्हें अपने परिवार एवं बच्चों की देखभाल करनी चाहिए, लेकिन ऐसा न करते हुए पन्ना जिला चिकित्सालय परिसर में ही स्थित अपने शासकीय आवास पर पूरे दिन मरीजों को देखा जा रहा है यह कहां तक उचित है।
यह भी जानकारी हासिल हुई है कि जिला चिकित्सालय में उनके द्वारा भर्ती केे लिए जे गए मरीज जिला चिकित्सालय के ड्यूटी डाक्टर की दवाएं न लेते हुए मैडम पटेल की ही दवाएं लेने की बात कहते हैं इस प्रकार यदि कोई घटना भर्ती मरीज के साथ घटित हो जाए तो फिर जिला चिकित्सालय प्रबंधन पर दोषारोपण किया जाता है।
एक महिला डाक्टर के भरोसे जिला चिकित्सालय-
तीन माह के चाइल्ड केयर अवकाश पर डा0 पटेल के जाने के बाद अब मात्र एक महिला डाक्टर के सहारे जिला चिकित्सालय के उपचार व्यवस्था है जिसमें लगभग प्रतिदिन 6-8 सीजर आपरेशन भी होते हैं। जिला चिकित्सालय प्रबंधन को उपरोक्त मामले को तत्काल संज्ञान में लेते यथोचित निर्णय लेना चाहिए ताकि जिला चिकित्सालय में महिला मरीजों को इलाज मुहैया हो सके। जब उपरोक्त मामले में स्वतः डा0 नीलम पटेल के मोबाइल पर संपर्क करना चाहा तो उन्होंने अपना मोबाइल रिसीब नही किया जिससे उनका पक्ष नही रखा जा सका।
सात में मात्र दो ही महिला डाक्टर पदस्थः-
जिला चिकित्सालय में कुल सात महिला डाक्टरों के पद स्वीक्रत होने की जानकारी प्राप्त हुई जिसमें चार स्त्री रोग विशेषज्ञ तथा 3 जूनियर महिला चिकित्सकों के पद स्वीक्रत हैं लेकिन मात्र दो स्त्री रोग विशेषज्ञ मात्र पदस्थ हैं शेष पद रिक्त है इस ओर जिला प्रशासन सहित शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि निष्क्रिय बने हुए हैं ।
क्या कहते हैं अधिकारीः-
जब उपरोक्त मामले में सी एम एच ओ डा0 आर पी तिवारी से चर्चा की गयी तो उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है कि चाइल्ड केयर लीव लेकर शासकीय आवास में मरीजों को देख रही हैं यदि उन्हें मरीज ही देखना है तो अवकास किसलिए लिया है उन्हें जिला चिकित्सालय में ही सेवा देनी चाहिए। वे इस मामले में यथोचित कार्यवाही करेंगे । वहीं जब सिविल सर्जन डा0 आलोक गुप्ता से चर्चा गयी तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की सूचना मिली है कि वे अपने आवास में मरीज देख रही हैं लेकिन मरीज देखना गलत नही है लेकिन अवकाश लेकर जिला चिकित्सालय में सेवाएं न देकर मात्र बंगले में मरीज देखना गलत है वे इस मामले आवश्यक कार्यवाही करेंगेे।
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(Udaipur Kiran) / सुरेश पांडे
