
उज्जैन, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । इस वर्ष का अंतिम ग्रहण अमावस्या 21-22 सितंबर को होगा। यह आंशिक सूर्यग्रहण होगा। ग्रहण की अवधि 4 घण्टे 23 मिनट 58 सेकण्ड तक होगी। भारत में रात्रि होने कारण यह आंशिक सूर्यग्रहण दृश्य नहीं होगा। इसीलिए इसका सूतक नहीं माना जाएगा।
जीवाजी वेधशाला,उज्जैन(म.प्र.) के प्रभारी अधीक्षक डॉ.आरपी गुप्ता के अनुसार सूर्यग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। यह तब होता है जब चन्द्रमा,सूर्य तथा पृथ्वी के मध्य होता है। चन्द्रमा दीर्घवृत्ताकार कक्षा में पृथ्वी की परिक्रमा करता है, जिससे वह कभी -कभी अमावस्या को पृथ्वी तथा सूर्य के मध्य एक सीध में स्थित होता है। आंशिक ग्रहण की स्थिति तब होती है जब चन्द्रमा, सूर्य तथा पृथ्वी के मध्य इस प्रकार आये कि वह सूर्य को पूरा न ढंक पाए। इस स्थिति में सूर्य का कुछ भाग ढंका हुआ तथा शेष भाग प्रकाशित रहता है।
इस बार आंशिक सूर्यग्रहण का प्रारंभ 21 सितंबर को भारतीय रात्रि 10:59:08 बजे से होगा। मध्य की स्थिति 22 सितंबर को रात्रि 01:11:09 बजे होगी। इस समय सूर्य का 85.5 प्रतिशत भाग चन्द्रमा के द्वारा ढक़ लिया जाएगा। मोक्ष की स्थिति 22 सितंबर को मध्य रात्रि में 03:23:06 बजे पर होगी। ग्रहण की अवधि 4 घण्टे 23 मिनट 58 सेकण्ड रहेगी। भारत में रात्रि होने कारण यह आंशिक सूर्यग्रहण दृश्य नहीं होगा। इसे न्यूजीलैण्ड, पूर्वी मलेशिया, दक्षिणी पोलिनेशिया, पश्चिमी अंटार्टिका में अच्छे से देखा जा सकेगा।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
