


जौनपुर, 21 जुलाई (हि .स.)। प्राचीन बड़े हनुमान मंदिर में श्रावण मास के पावन अवसर पर सोमवार को विशेष पूजन किया गया। बाके जी महाराज ज्योतिष संस्थान की ओर से 51 हजार पार्थिव शिवलिंग पर रुद्राभिषेक का कार्यक्रम हुआ।
पंडित रजनी कांत द्विवेदी के मार्गदर्शन में दो दर्जन से अधिक पुराेहिताें ने यह विशेष पूजा संपन्न कराई है। श्रावण माह में प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि 51 हजार पार्थिव शिवलिंगों पर एक साथ पूजन-अर्चना करने से परिवार में सुख-शांति की स्थापना होती है। पार्थिव शिवलिंग बालू से बनाए जाते हैं। श्रावण मास में इनकी पूजा का विशेष विधान है।
कार्यक्रम में काशी, अयोध्या और प्रयागराज से पधारे वैदिक विद्वानों ने रुद्र मंत्रों के साथ नमक-चमक विधि से अभिषेक कराया। आचार्य डॉ. रजनीकांत द्विवेदी ने शिव पूजा की पौराणिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि श्रावण मास में पार्थिव शिवलिंग पूजन अद्भुत और शीघ्र फल प्रदान करने वाला होता है। शिव उपासना से ही जीवन के समस्त दुखों से मुक्ति संभव है।
उन्होंने कहा कि कलयुग में सबसे पहले पार्थिव पूजन कुष्मांड ऋषि के पुत्र मंडप ऋषि ने किया था। साथ ही बताया कि कामनाओं के अनुरूप पार्थिव शिवलिंगों की संख्या भी नियत की गई है, जैसे – धन प्राप्ति हेतु – 500, पुत्र की कामना हेतु – 1500, दयालुता हेतु – 300, भय नाश हेतु – 200, राज्य भय से मुक्ति हेतु – 500, सर्वकामनापूर्ति हेतु – 1000 शिवलिंग हैं। पार्थिव पूजन के बाद महाआरती में श्रद्धालुओं ने दिव्य अनुभूति की। आयोजन में प्रमुख यजमान के रूप में विवेक पाठक, भास्कर पाठक, नीरज उपाध्याय, इंद्र कुमार तिवारी, दिवाकर पाठक, अनीता सेठ, डॉ. आर. पी. गुप्ता सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
