Assam

पोबितरा अभयारण्य प्राधिकरण के प्रयास से पार्थेनियम उन्मूलन और जागरूकता अभियान आरंभ

मोरीगांव (असम), 10 अगस्त (Udaipur Kiran) । एक सींग वाले गैंड़े की विचरण भूमि पोबितरा अभयारण्य जैव विविधता और मायंग क्षेत्र की कृषि भूमि के लिए एक खतरा उत्पन्न हो गया है। खतरे का नाम पार्थेनियम अर्थात् कांग्रेस घास है। पार्थेनियम या कांग्रेस घास एक ऐसा विषैला वनस्पति है जो वन्यजीव और मानव शरीर के लिए भी अत्यंत खतरनाक और गंभीर है।

पार्थेनियम वन्यजीवों के शरीर या मानव शरीर पर लगने पर यह एलर्जी जैसे दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकता है, इसकी कृषि वैज्ञानिक पहले ही पुष्टि कर चुके हैं। यह वन्य जीवों के पेट में जाकर पेट की खराबी पैदा कर सकता है। इसके विषैले गुणों के कारण कोई भी कीट, पतंग या वन्य जीव इसे खाने से परहेज करते हैं। यह पौधा अब पोबितरा के अभयारण्य के भीतर फैल चुका है।

ऑस्ट्रेलिया और मैक्सिको जैसे देशों में पहली बार पार्थेनियम नामक विषैली प्रजाति की यह वनस्पति विकसित हुई थी। लेकिन वर्तमान में पोबितरा अभयारण्य के भीतर इसके बढ़ने के परिणामस्वरूप अभयारण्य प्रबंधन चिंतित हो गया है।

पोबितरा के वनस्पति अधिकारी प्रांजल बरूवा के अनुसार, यह वनस्पति पोबितरा के कई क्षेत्रों में फैल चुकी है। जहां स्थानीय प्रजातियों की घास का घनत्व कम है, वहां पार्थेनियम ने व्यापक रूप से कब्जा कर लिया है। जिसके कारण अभयारण्य प्रबंधन ने इस वनस्पति को साफ करने के लिए एक विशेष कदम उठाया है।

आज पोबितरा के हाथी कैंप के निकटवर्ती इलाके से चार ट्रैक्टर पार्थेनियम को हटाने में सफल रहे हैं। पोबितरा अभयारण्य प्राधिकरण के प्रयास से पार्थेनियम उन्मूलन और जागरूकता अभियान आरंभ किया गया है। तकि पोबितरा के साथ ही मायंग क्षेत्र में इसके विस्तार को समय से पहले ही रोका जा सके तथा कृषि भूमि पर इसके प्रभाव को पूरी तरह से समाप्त किया जाए।———————-

(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

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