West Bengal

शिक्षक भर्ती घोटाले में तबादलों का खेल, पार्थ चटर्जी ने बनाई थी खास रणनीति

पार्थ चटर्जी

कोलकाता, 13 सितम्बर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को बड़ी जानकारी हाथ लगी है। एजेंसी के मुताबिक पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने अधिकारियों के बार-बार तबादले और फेरबदल को अपनी सबसे बड़ी रणनीति बनाया था। इसी के जरिए उन्होंने लंबे समय तक गड़बड़ी को अंजाम दिया और शक होने की संभावना को कम कर दिया।

पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक व गैर-शिक्षक (ग्रुप-सी और ग्रुप-डी) कर्मचारियों की भर्ती करता है। इसी आयोग के जरिए 2012 में की गई 25,753 भर्तियों को इस साल उच्चतम न्यायालय ने रद्द कर दिया था। अदालत ने भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का हवाला दिया था।

जांच में सामने आया है कि चटर्जी ने सबसे पहले भरोसेमंद वरिष्ठ अधिकारियों की एक खास टीम बनाई। इस टीम में पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगोपाध्याय, डब्ल्यूबीएसएससी के पूर्व अध्यक्ष सुबीरश भट्टाचार्य, स्क्रीनिंग कमेटी प्रमुख एसपी सिन्हा, पूर्व सचिव अशोक साहा सहित कई नाम शामिल थे। इन पर पहले ही आरोप तय हो चुके हैं।

इसके बाद, निचले स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों को बार-बार बदला जाता रहा। इनका काम डाटा में हेरफेर करना था। लगातार बदलाव की वजह से कोई भी अधिकारी इस गड़बड़ी की पूरी तस्वीर काे नहीं समझ सका। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि राजनीति में आने से पहले पार्थ चटर्जी को अच्छा मानव संसाधन प्रबंधक माना जाता था, लेकिन उन्होंने उसी काबिलियत का इस्तेमाल अवैध सिस्टम खड़ा करने में किया।

इस मामले में सबसे ज्यादा समय से जेल में पार्थ चटर्जी ही हैं। उन्हें जुलाई 2022 में सबसे पहले ईडी ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई ने भी अपनी जांच में उन्हें हिरासत में लिया। हाल ही में उन्हें सीबीआई और ईडी के ज्यादातर मामलों में जमानत मिल चुकी है, लेकिन प्राथमिक शिक्षक भर्ती से जुड़े अलग मामलों की वजह से वह अब भी न्यायिक हिरासत में हैं। ——————–

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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