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छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक नन की गिरफ्तारी का मुद्दा पहुंचा संसद

आगरा से लोकसभा सांसद एसपी बघेल

– इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण ः मुख्यमंत्री साय

नई दिल्ली, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के दुर्ग से दो कैथोलिक नन की गिरफ्तारी का मुद्दा सोमवार को संसद पहुंचा। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल समेत विपक्षी दलों के नेताओं ने गिरफ्तारी पर आपत्ति जताते हुए संसद परिसर में प्रदर्शन किया। इसके साथ वेणुगोपाल ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर इस गिरफ्तारी को गैर-कानूनी बताया। इस पत्र के जवाब में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक्स पर एक पोस्ट कर कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

विष्णु देव साय ने कहा कि नारायणपुर की तीन बेटियों को नर्सिंग की ट्रेनिंग दिलाने और उसके बाद जॉब दिलाने का वादा किया गया था। नारायणपुर के एक व्यक्ति द्वारा उन्हें दुर्ग स्टेशन पर दो ननो को सुपुर्द कर दिया गया, जिनके द्वारा उन बेटियों को आगरा ले जाया जा रहा था। इसमें प्रलोभन के माध्यम से ह्यूमन ट्रैफिकिंग करके मतांतरण किए जाने की कोशिश की जा रही थी। यह महिलाओं की सुरक्षा से सबंधित गंभीर मामला है। इस मामले में अभी जांच जारी है। प्रकरण न्यायालयीन है और कानून अपने हिसाब से काम करेगा। छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय प्रदेश है जह ंसभी धर्म-समुदाय के लोग सद्भाव से रहते हैं। हमारी बस्तर की बेटियों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को राजनीतिक रूप देना बेहद दुर्भाग्यजनक है।

संसद परिसर में मीडिया से बातचीत में भाजपा सांसद और राज्य मंत्री एसपी बघेल ने कहा कि इस तरह की घटनाएं पूर्व में भी सामने आ चुकी हैं। विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत में क्रिश्चयन मिशनरी भोले-भाले आदिवासी लोगों का धर्मपरिवर्तन करवाते रहे हैं। यह गंभीर घटना है। इसकी जांच होनी चाहिए। आगरा में साल 2014-15 संपत घड़ी गांव में बघेल समाज के लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया था। बाद में उनकी घर वापसी कराई थी। किसी धर्म के अध्यात्म से प्रभावित होकर कोई धर्म परिवर्तन करता है, तो वो अलग बात है लेकिन प्रलोभन देकर, लव जिहाद करके, गरीबी का लाभ उठाकर, नौकरी का प्रलोभन दे कर लोगों का धर्म परिवर्तन कराना गैर-कानूनी है। इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून जब अपनी कार्रवाई कर रहा है तो उसे राजनीतिक रूप देने का क्या आवश्यकता है।

उल्लेखनीय है कि बीते 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर धर्मांतरण और मानव तस्करी को लेकर हंगामा हुआ। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने 2 कैथोलिक नन, एक युवक और 3 आदिवासी युवतियों को घेरकर रोक लिया। इनका आरोप था कि युवतियों को बहला-फुसलाकर उत्तर प्रदेश के आगरा ले जाया जा रहा था, जहां उनके धर्मांतरण की योजना थी। बजरंग दल के हंगामे के बाद दो नन और एक युवक को जीआरपी ने गिरफ्तार किया था।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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