RAJASTHAN

साइबर फ्रॉड मामलों में पीड़ितों को त्वरित राहत दे : परम ज्योति

परम ज्योति

झुंझुनू, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । झुंझुनू जिले के दो दिन के वार्षिक निरीक्षण पर आई राजस्थान पुलिस मुख्यालय में आईजी क्राइम परम ज्योति ने झुंझुनू ग्रामीण डीएसपी कार्यालय में जिले के पुलिस अधिकारियों, एसएचओ और जांच अधिकारियों के साथ क्राइम बैठक की। बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने जिले की स्थिति के बारे में अवगत करवाया। सभी बिंदूओं पर चर्चा करने के बाद आईजी परम ज्योति ने कहा कि नकारा, अनुपयोगी और जब्तशुदा वाहनों के निस्तारण में झुंझुनू पुलिस ने काफी अच्छा काम किया है। इसलिए उन्होंने एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय समेत सभी पुलिस अधिकारियों की पीठ थपथपाई। तो वहीं पेंडिंग प्रकरणों को लेकर नाराजगी भी जाहिर की।

आईजी परम ज्योति ने कहा कि लंबे समय से पेंडिंग चल रहे प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करें। इस मौके पर उन्होंने बताया कि चर्चा में कार्यबल, यानि कि पुलिस अधिकारियों, खासकर जांच अधिकारियों की कमी सामने आई है। जो पूरे राजस्थान की समस्या है। कांस्टेबल से लेकर एएसआई तक के प्रमोशन लगातार चल रहे है। वहीं एसआई की प्रक्रिया अगले साल जनवरी से शुरू होगी। तो भी नए एसआई का बैच आने में अभी एक से डेढ़ साल का समय लगेगा। वहीं साइबर फ्रॉड को पूरे देश के सामने चैलेंज बताते हुए उन्होंने आमजन को किसी भी प्रकार के झांसे और लालच में आने की हिदायत दी और कहा कि पुलिस और सभी एजेंसी अपने स्तर पर काम कर रही है। फिर भी सतर्कता और जागरूकता ही इसका पहला बचाव है। उन्होंने बढ़ते साइबर अपराधों पर गंभीर चिंता जताते हुए साइबर फ्रॉड मामलों में तत्काल अलर्ट और पीड़ितों को त्वरित राहत देने के निर्देश दिए।

आईजी क्राइम परम ज्योति ने पुलिस व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने, लंबित मामलों को शीघ्र निपटाने और अपराध नियंत्रण को मजबूत बनाने के लिए कड़े निर्देश जारी किए। उन्होंने साफ कहा कि अपराध नियंत्रण में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शुक्रवार को आईजी परम ज्योति ने पुलिस लाइन, एसपी कार्यालय, जिला विशेष शाखा और सीओ सिटी कार्यालय सहित कई महत्वपूर्ण स्थानों का विस्तृत निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पुलिस के कार्य-प्रणाली, अनुशासन, संसाधनों और लंबित प्रकरणों की स्थिति का गहन मूल्यांकन किया। आईजी कौर ने निर्देश दिए कि लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण सर्वोच्च प्राथमिकता हो, विशेषकर महिलाओं और बच्चों से जुड़े प्रकरणों में संवेदनशील व्यवहार और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

—————

(Udaipur Kiran) / रमेश