
जैसलमेर, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । देश भर की विभिन्न शाही रेलों में सर्वाधिक प्रचलित व सफल साबित होकर अपनी पहचान स्थापित करने वाली पैलेस ऑन व्हील इस सीजन के पहले फेरे पर 21 सितंबर को जैसलमेर पहुंचेगी। इस साल 17 सितंबर बुधवार को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना होकर रविवार को जैसलमेर पहुंचेगी। रेलवे द्वारा इसकी कमान निजी कंपनी के हाथ सौंपी हुई है। इस बार भी पहियों के महल में बदलाव करने के बाद ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर दी गई है। ऑनलाइन बुकिंग शुरू होने से पर्यटन बिजनेस से जुड़े लोगों में काफी खुशी है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों से पैलेस ऑन व्हील के प्रति सैलानियों का क्रेज कम हो गया था। कोविड में विदेशी सैलानियों के भारत नहीं आने से इसे दो साल के लिए बंद कर दिया गया था। 2022 में इसे शुरू तो किया गया लेकिन पूरी सीजन में सिर्फ 11 फेरे ही संचालित किए गए। हर साल रेलवे द्वारा सैलानियों को ध्यान में रखते हुए इसे नया कलेवर दिया जाता था। लेकिन पिछले कुछ सालों की आय पर विश्लेषण करने के बाद रेलवे द्वारा इसकी कमान निजी कंपनी के हाथ सौंप दी गई थी। इस बार भी पहियों के महल में बदलाव करने के बाद ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर दी गई है।
26 जनवरी 1982 को शुरू की गई पैलेस ऑन व्हील का 41 साल बाद दो साल पहले ही निजीकरण कर दिया गया है। 41 साल बाद अब पैलेस ऑन व्हील निजी हाथों में है। हर साल सितंबर से अप्रैल महीने तक इस रेल का संचालन किया जाता है। इसके बाद भी यह रेल 17 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना होकर 21 सितंबर को जैसलमेर पहुंचेगी।
दिल्ली से रवाना होकर यह रेल जयपुर, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़ व उदयपुर होते हुए रविवार सुबह जैसलमेर पहुंचेगी। रविवार शाम को यहां से रवाना होने के बाद यह रेल जोधपुर, भरतपुर व आगरा होते हुए वापस दिल्ली जाती है। पैलेस ऑन व्हील का सफर बहुत ज्यादा महंगा होने के कारण मुख्य रूप से विदेशी सैलानियों की ही पहली पसंद होती है। लेकिन पिछले कुछ सालों से विदेशी सैलानियों का ग्राफ कम हो रहा था। पहले जहां इस ट्रेन को 100 प्रतिशत बुकिंग मिल रही थी। लेकिन इसके बाद इसमें गिरावट शुरू हो गई। करीब पांच साल पहले पूरी सीजन में सिर्फ 3500 यात्रियों ने ही इसमें सफर किया। इसके बाद से यह आंकड़ा लगातार गिर ही रहा है।
कोविड से ठीक पहले इस ट्रेन में सफर करने वाले सैलानियों की संख्या 2500 का आंकड़ा भी नहीं छू पाई थी। जिसके बाद कोविड के चलते इसे दो साल के लिए बंद कर दिया गया था। कोविड के बाद पिछले साल इसे शुरू जरूर किया गया था। लेकिन पूरी सीजन में सिर्फ 50 प्रतिशत ही बुकिंग हो पाने के कारण सिर्फ 11 फेरे चलाकर इसे बंद कर दिया गया। इस साल इसमें बदलाव के बाद इसे फिर से शुरू किया जा रहा है। 2 साल पहले पैलेस ऑन व्हील की कमान निजी कंपनी को सौंप दी गई है। इससे पहले रेलवे द्वारा हर बाद परिवर्तन करने के बाद ही इसे रवाना किया जाता था। करीब पांच साल पहले इस ट्रेन में आमूलचूल परिवर्तन किया गया था। जिसमें ट्रेन के सभी 41 बाथरूम को रिनोवेटेड करने के साथ साथ बायो टॉयलेट लगाए गए थे।
शाही रेल के दोनों रेस्टोरेंट को नई डिजाइन से सुसज्जित करने के साथ साथ ट्रेन का फर्नीचर भी बदला गया है। इसके अलावा ट्रेन के बाहरी व अंदर की तरफ रंग रोगन करने के साथ साथ लाइटिंग भी बदली गई है। ताकि सैलानियों को शाही रेल में शाही अंदाज के सफर का एहसास हो सके। इसके साथ ही मुख्य रूप से खाने के मैन्यू में स्थानीय प्रसिद्ध व्यंजन जोड़े गए हैं। इस साल सितंबर के चौथे बुधवार को रवाना होने वाली यह ट्रेन इस सीजन में 33 फेरे करेगी। इस साल सितंबर के तीसरे बुधवार को ही पैलेस ऑन व्हील को रवाना किया जाएगा। कोविड के ठीक बाद वापस शुरू होने पर इस ट्रेन ने सिर्फ 11 फेरे ही पूरे किए थे। ऐसे में 2 साल पहले इसका जोर शोर से प्रचार प्रसार कर इसके फेरों में फिर से बढ़ोतरी करते हुए निजी हाथों में सौंप दिया गया।
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(Udaipur Kiran) / चन्द्रशेखर
