टोक्यो, 17 सितंबर (Udaipur Kiran) । मानव तस्करी के प्रयास में फुटबॉल टीम के रूप में जापान आए पाकिस्तानी नागरिकों के एक समूह को वहां से निर्वासित कर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जपान पहुंचे 22 पाकिस्तानी नागरिकों ने सियालकोट की एक फुटबॉल टीम के खिलाड़ी होने का दावा किया था, लेकिन जांच के बाद उनके पास नकली दस्तावेज़ पाए गए। जापानी अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर इस समूह को रोका और उनके प्रमाण-पत्रों की जांच के बाद उन्हें वापस भेज दिया। जापान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने इस मामले में मुख्य संदिग्ध की पहचान मलिक वकास के रूप में की, जिसे बाद में पाकिस्तान में गुजरांवाला से गिरफ्तार किया गया। वकास ने कथित तौर पर ‘गोल्डन फुटबॉल ट्रायल’ नामक एक क्लब पंजीकृत कराया था और लोगों को फुटबॉलर की तरह व्यवहार करने की सीख भी दी थी। उसने प्रत्येक सदस्य से उनकी यात्रा की सुविधा के लिए चालीस से पैंतालीस करोड़ रूपये लिए थे।
एफआईए के एक अधिकारी ने बताया कि समूह ने बोविस्टा फुटबॉल क्लब के निमंत्रण पर पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ के जाली पंजीकरण पत्रों और विदेश मंत्रालय के फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर जापान के लिए 15 दिनों का यात्रा वीजा हासिल किया, लेकिन इनमें से कोई भी यात्री योजना के अनुसार पाकिस्तान नहीं लौटा।
एफआईए ने पुष्टि की कि वकास से जुड़ी यह पहली घटना नहीं थी। इसी साल 15 जून को ऐसे ही एक अन्य मामले में 22 सदस्यीय एक फर्जी फुटबॉल टीम को भी जापानी अधिकारियों ने निर्वासित कर दिया था जिसके बाद औपचारिक जांच और गिरफ्तारियां हुईं। एफआईए के गुजरांवाला निदेशक, मुहम्मद बिन अशरफ ने कहा कि इन मामलों में अभी आगे की जांच जारी है।
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(Udaipur Kiran) / नवनी करवाल
