
लखनऊ, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर संस्कार भारती लखनऊ महानगर की दृश्य कला टोली द्वारा लखनऊ मेट्रो के सहयोग से हजरतगंज मेट्रो स्टेशन परिसर में एक भव्य सामूहिक चित्रण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह आयोजन केवल कला प्रदर्शन नहीं बल्कि विचारों का जीवित संवाद बन गया जिसमें चित्रकारों के ब्रश ने गांधी और शास्त्री के आदर्शों को रंगों के माध्यम से जीवंत कर दिया। गांधी की छवि यहाँ किसी प्रतिमा की तरह नहीं बल्कि अहिंसा की कोमल रोशनी के रूप में प्रकट हुई जिसने हिंसा के अंधकार को सहज ही मिटा दिया। वहीं शास्त्री जी का उद्घोष “जय जवान, जय किसान” कैनवास पर बीज की तरह अंकित हुआ जिसमें भविष्य की हरियाली और आशा का विस्तार दिखाई दिया।
इस कार्यशाला में अश्वनी कुमार प्रजापति, मोहन मावा, नीरज बिंद, युवराज, आशीष कश्यप, सुमित, सौरभ मौर्या, कुलदीप, अभिनय सिंह, रितेश कपूर, कुंवर जी वर्मा, शेफाली सोनी, ज्ञानेंद्र कुमार, राजीव कुमार रावत, अंकित निषाद और चित्रकार, क्यूरेटर एवं कला समीक्षक भूपेंद्र कुमार अस्थाना सहित अनेक युवा कलाकारों ने सहभागिता की। उनके ब्रश स्ट्रोक और रंगों ने सामूहिक चेतना को अभिव्यक्ति दी और हर चित्र समाज की सामूहिक आत्मा का प्रतीक बन गया।
कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि कला केवल देखने की वस्तु नहीं है, बल्कि जीने का अनुभव है। विचार जब कला के रूप में सामने आते हैं तो वे और अधिक स्थायी हो जाते हैं क्योंकि अब वे केवल शब्दों में सीमित न रहकर दृश्य अनुभव में बदल चुके होते हैं। इस अवसर पर संस्कार भारती लखनऊ महानगर अध्यक्ष डॉ. अशोक सिंह, प्रांतीय महामंत्री अमित कुमार, प्रांतीय दृश्य कला संयोजक विनीत कुमार पांडे सहित संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं नगर के गणमान्यजन उपस्थित रहे।
आयोजन के संयोजक चित्रकार अश्वनी कुमार प्रजापति ने बताया कि वे और उनके साथी कलाकार समाज में कला-जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ऐसे आयोजन निरंतर करते रहे हैं। पूर्व में भी गांधी जयंती, लता मंगेशकर और अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में कई रचनात्मक कला कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया जा चुका है।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
