
नालंदा, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । बिहार में नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड में लगी धान की फसल अचानक सुखने लगा है जिससे किसानों के बीच खलबली मच गई है। इस संबंध में किसानों ने बताया कि नियमित देखभाल के बाबजूद भी धान की फसल लगातार सुख रही है। अगर यही हाल रहा तो धान की फसल में भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि उपचार के तौर-तरीकों पर जो भी दवा व किटनाशक मान्य था छिड़काव किया गया पर स्थिति संभलने के बजाय बिगड़ती जा रही है। थक-हारकर किसानों की एक समुदाय ने शुक्रवार को हरनौत कृषि विज्ञान केन्द्र में जाकर अपनी समस्या बताई जिसपर कारवाई करते हुए वैज्ञानिक रूपेश पॉल अपने टीम के साथ खेत पर जाकर फसल का जायजा लिया और संबंधित रोग के बारे में बताया कि अत्यधिक किटनाशक दवा की छिड़काव और रसायनिक खाद के प्रयोग से फसलों में पोटासियम की कमी हो गई है। जिससे यह समस्या उत्पन्न हो गई है।
इसके उपचार के लिए जिंक के साथ सल्फर दवा प्रयोग करने की सुझाव दिया। सुझाव पर अमल करते हुए किसानों ने वैज्ञानिक के देखरेख में खेती करने का संकल्प लिया। वहीं त्वरित उपचार से धान फसल में जल्द सुधार होना शुरू हो जायेगा।इस संबंध में वैज्ञानिक बिशेषज्ञ ने बताया कि फसलो की पहचान और देखरेख के लिए एक टीम गठित कर किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / प्रमोद पांडे
