Haryana

झज्जर : संघ के स्थापना दिवस के उपलक्ष में पथ संचलन और शस्त्र पूजन का आयोजन

सरदार पटेल उपनगर कार्यक्रम मैं स्वयंसेवकों को पथ संचलन की व्यवस्था के बारे में समझाते संघ के अधिकारी

झज्जर, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । बहादुरगढ़ नगर के सरदार पटेल उपनगर व जाखोदा में संघ के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में रविवार को पथ संचलन का आयोजन और छोटू राम नगर में शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सरदार पटेल नगर में संचलन डीएस आर्य स्कूल पटेल नगर से आरंभ होकर सेक्टर-2, रूहिल होम्स, ओमैक्स सिटी व कसार होते हुए वापस स्कूल में पूर्ण हुआ। इस दौरान संघ के स्वयंसेवकों का अनुशासन और व्यवस्था देखते ही बनती थी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरदार पटेल नगर के पथ संचलन में 98 स्वयंसेवको ने पूर्ण गणवेश में संचलन किया। कार्यक्रम में करीब 120 लोग रहे। कार्यक्रम में श्रीमान संदीप आर्य का उद्बोधन रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता आर्य समाज बहादुरगढ़ के संरक्षक ब्रह्मजीत आर्य ने की। इसी प्रकार शिवाजी नगर के छोटूराम उपनगर में शस्त्र पूजन कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में सुरेन्द्र चुग का उद्बोधन रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिव मंदिर प्रबंधन समिति के संरक्षक शंभू ने की। इसी क्रम में जाखोदा गांव में पथ संचलन का कार्यक्रम हुआ। इसमें उद्बोधन महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के प्रोफेसर डॉ. रविप्रभात का रहा। रिटायर्ड कर्नल राजबीर ने अध्यक्षता की। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में रिटायर्ड विंग कमांडर रणबीर ने सहभागिता की।

इन कार्यक्रमों में संघ की 100 वर्षों की संघर्षमय यात्रा और सामाजिक उपलब्धियों के विषय रखे गए। इसमें 1925 से 1940 तक पहली पीढ़ी ने सारे देश में बीजारोपण किया। विचार, कार्य पद्धति, प्रशिक्षण, कार्यकर्ता निर्माण की प्रक्रिया के बारे में बताया गया। यह भी बताया गया कि 1940 से 1975 तक पूरे राष्ट्र में संघ का विस्तार हुआ, समाज में संघ की प्रतिमा स्थापित हुई। देश के विभाजन की स्थिति, पाकिस्तान और चीन के हमले होने, आपातकाल समाज में संघ के प्रति विश्वास लौटने और विरोध धीरे-धीरे समाप्त होने की जानकारी दी गई।

विद्वान वक्ताओं ने अपने बौद्धिक में बताया कि 1975 से 2000 तक हमारे राष्ट्रव्यापी कार्य में समाज सहयोगी हो गया, परम पूज्य डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का शताब्दी वर्ष, श्रीराम जन्मभूमि, संघ कार्य समाजव्यापी हुआ। समाज क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में हमने प्रवेश किया।

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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज

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